भारत सरकार ने मुसलमानों को दी जानेवाली हज सब्सिडी खत्म कर दी है. यह एक अच्छा फैसला है और इसे बहुत पहले ही खत्म कर दिया जाना चाहिए था. मुसलमानों में इस बात को लेकर कभी कोई गतिरोध या मतविरोध नहीं रहा है कि सब्सिडी नहीं खत्म की जाये. हम तो एक अरसे से इस बात की मांग करते रहे हैं कि हज के लिए किसी सब्सिडी जैसे सरकारी एहसान...
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नोटबंदी के तुरंत बाद दिहाड़ी मजदूरों ने सबसे ज्यादा गंवाये रोजगार के अवसर-- नई रिपोर्ट
नोटबंदी के तुरंत बाद के तीन महीनों में दिहाड़ी मजदूरों के रोजगार के अवसरों में सबसे ज्यादा कमी आई. इस तथ्य का खुलासा लेबर ब्यूरो की हाल की तिमाही रिपोर्ट से होता है. रिपोर्ट में चुनिन्दा क्षेत्रों में रोजगार के हालात का आकलन है. हालांकि अर्थव्यवस्था के आठ मुख्य क्षेत्रों में 1 जनवरी 2017 से 1 अप्रैल के बीच रोजगार के अवसरों में 1.85 लाख का इजाफा हुआ. रिपोर्ट के...
More »Budget 2018: छोटे किसानों को आम बजट में साधेगी सरकार
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। आगामी आम बजट में सरकार छोटे व सीमांत किसानों को साधने की कोशिश करेगी। इसके लिए गांवों की 22 हजार से अधिक हाट व छोटी खुदरा मंडियों को विकसित करने का प्रस्ताव है। इससे छोटे किसानों को अपनी उपज बेचने की सुविधा गांव में ही उपलब्ध हो जाएगी। देश में फिलहाल साढ़े सात हजार थोक मंडियां ही नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। राष्ट्रीय स्तर...
More »गरीबी नहीं गैरबराबरी है चुनौती-- मृणाल पांडे
एक जमाना था, जब कक्षा से चुनावी भाषणों तक में ‘अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है?' जैसे जुमले सुनने को मिलते थे. भला हो राग दरबारी के लेखक श्रीलाल शुक्ल का, जिन्होंने इस उपन्यास के मार्फत आजादी के बाद हमारे बदहाल गांवों की असलियत दिखाकर इस पाखंड पर ऐसी चोट की कि पढ़ने-लिखनेवाले लोग इस भावुक और निरर्थक मुहावरे से बचने लगे. फिर ‘90 के दशक में आर्थिक उदारीकरण...
More »Jharkhand : किसानों का हाल बेहाल, अभी ही सूख गयी नदी....
खरौंधी : झारखंड के गढ़वा जिले में किसानों का हाल बेहाल है. खासकर खरौंधी प्रखंड में. खेतों की प्यास बुझाने वाली एकमात्र नदी अभी से सूख गयी है. किसानों के साथ-साथ लोगों को यह चिंता सताने लगी है कि जब सर्दी में ही नदी का पानी खत्म हो गया, तो गर्मी में क्या होगा? खेतों की प्यास कैसे बुझेगी? खेतीबारी कैसे होगी? ढढरा नदी के सूख जाने की वजह से प्रखंड...
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