जैसी कि उम्मीद थी, केंद्रीय बजट-कम-से-कम बजट भाषण- में खेती और ग्रामीण क्षेत्र पर बहुत ही अधिक फोकस किया गया है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागत से डेढ़ गुना करने का फैसला 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के सरकार के दीर्घकालिक महत्वाकांक्षा के अनुरूप है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में कहा है कि नीति आयोग द्वारा तैयार प्रणाली के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य तय...
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केंद्रीय बजट के मानसिक क्षितिज से बिहार गायब, पढ़ें अर्थशास्त्री डॉ शैबाल गुप्ता को
इस बजट को देखने से लगता है कि सरकार चुनाव की जल्दीबाजी में है. बहुत संभव है कि मार्च, 2019 के पहले ही चुनाव हो जाये. इसकी आहट बजट में सुनायी दे रही है. इस बजट को पॉपुलिस्ट (लोकलुभावन) कह सकते हैं. हालांकि, सरकार के नजरिये से यह सकारात्मक बजट है. सरकार कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में खास कदम उठायेगी. पर, इसका ठीक-ठीक प्रतिफल किस रूप में सामने आयेगा,...
More »मिड डे मील मांगा तो गर्म दाल फेंक मासूम को जलाया
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल अक्सर ही बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील को लेकर चर्चा में रहते हैं। कुछ दिनों पहले भोजन के रूप में बच्चों को नमक और रोटी देने को लेकर छतरपुर का एक सरकारी स्कूल चर्चा में आया था तो अब डिंडोरी का स्कूल खबरों में है। दरअसल, डिंडोरी के शाहपुर लुद्रा गांव के सरकारी स्कूल में मिड डे मील बनाने वाले रसोइए को पहली...
More »बिहार : आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलने वाली पोषाहार की राशि बढ़ी
पटना : राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े बच्चों और महिलाओं को मिलने वाले रोजाना पोषाहार की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए व्यापक स्तर पर पहल की है. इसके तहत इनके लिए पोषाहार के रुपये में बढ़ोतरी की गयी है. आंगनबाड़ी केंद्रों से चलने वाली सभी योजनाओं से लाभुकों को ज्यादा फायदा देने के लिए इसकी राशि में बढ़ोतरी की...
More »बोलने की आजादी बनाम बड़बोलापन-- रमेश दवे
लोकतंत्र सभ्यता, शील और मर्यादा के उत्कर्ष की सत्ता-प्रणाली है। पर कुछ वर्षों में लोकतंत्र के शील का आसन भाषण की अराजकता से गंदा किया गया है। यह सच है कि भारत के सर्वश्रेष्ठ और विश्व के सबसे बड़े संविधान ने अनेक दायित्व, मर्यादाएं, सीमाएं और अभिव्यक्ति की आजादी का नागरिक और नैतिक अधिकार भी दिया है, लेकिन बोलना अगर बड़बोलापन बन जाए, अभिव्यक्ति अगर विकृति बन जाए और संविधान...
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