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लॉकडाउन के चलते गरीबी और भुखमरी बढ़ने का खतरा: अमर्त्य सेन, रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी

-द वायर, कोरोना वायरस के बढ़ते संकम्रण को रोकने के लिए लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद से विभिन्न वर्गों में चिंता बढ़ गई है. विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर सही तरीके से देश के लोगों को भोजन नहीं मुहैया कराया जाता है और दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ती समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है. प्रख्यात...

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देश की आठ हजार दाल मिले बंद है, जानिए दलहन किसान और मजदूर का हाल

-डाउन टू अर्थ, इस बार करीब 2.5 एकड़ खेत में चना दाल लगाया था। ओले और ठंड के कारण सारी फसल बर्बाद हो गई। हमें 15 क्विटल चना दाल मिलने की उम्मीद थी हालांकि महज कुल 1.5 क्विंटल चना दाल ही हमें मिल पाई है। यह सिर्फ अगली बार के लिए बीज के इस्तेमाल में  लगाया जाएगा। 25 मार्च, 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आधा गेहूं भी घर पर ही...

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सोनिया गांधी की पीएम मोदी से अपील- गरीबों को जून नहीं सितंबर तक मुफ्त में अनाज दें

-सत्याग्रह, कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पत्र लिखा है. कांग्रेस अध्यक्ष इस पत्र में प्रधानमंत्री से अपील की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को सितंबर 2020 तक सरकार मुफ्त अनाज मुहैया कराया जाए. बीते महीने लॉकडाउन की घोषणा के बाद मोदी सरकार ने जून 2020 तक गरीबों को मुफ्त में अनाज देने की घोषणा की थी. सोमवार को लिखे...

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कोरोना वायरस : सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचना किसानों के लिए चुनौती होगी

-आउटलुक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद 15 अप्रैल से शुरू होनी है जबकि हरियाणा में खरीद 20 अप्रैल से शुरू होगी। कोरोना वायरस के कारण राज्य सरकारों ने गेहूं की खरीद को सुचारू बनाने के लिए केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है, साथ ही किसानों को ई-पास भी जारी किए जायेंगे। कई राज्यों ने एक किसान से गेहूं की खरीद मात्रा...

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ग्रामीण भारत में कोरोना : फसल बेचने में असमर्थ बंगाल के किसानों पर बढ़ रहा है क़र्ज़ का बोझ

-न्यूजक्लिक,  गोपीनाथपुर, कृष्णपुर और सर्पलेहना गाँव पश्चिम बंगाल राज्य के तीन अलग-अलग कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में स्थित हैं। किस मात्रा में सिंचाई की उपलब्धता है, उसी अनुपात में जमीन में खेती-बाड़ी की जा सकती है जो कि इन क्षेत्रों में अलग-अलग है। गोपीनाथपुर बांकुरा क्षेत्र के कोटुलपुर ब्लॉक में पड़ता है, जो कि कृषि क्षेत्र के लिहाज से पश्चिम बंगाल के सबसे विकसित क्षेत्रों में से एक है। दूसरी और नादिया जिले...

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