बेहतर देश के निर्माण के लिए बेहतर समाज का होना पहली शर्त है. किसी भी देश का सतत विकास तभी मुमकिन है, जब वहां के विभिन्न समाज और समुदायों के बीच सौहार्द, शांति व भाईचारा हो. बीता साल 2015 इस लिहाज से कुछ अच्छी यादों के साथ-साथ कई कड़वी यादें भी छोड़ गया है. हाल के दशकों में तेज आर्थिक विकास के बावजूद हमारे समाज में व्याप्त कुछ...
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बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास
इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
More »वर्ष 2016 को भी किसान वर्ष के रूप में मनाएगी यूपी सरकार
वर्ष 2016 को भी यूपी सरकार किसान वर्ष के रूप में मनाएगी। इस बारे में जल्द फैसला किया जाएगा। यह ऐलान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित चौधरी चरण सिंह के 113वें जयंती समारोह में किया। इस मौके पर उन्होंने ज्यादा उपज वाले 30 किसानों को सम्मानित किया और आधुनिक कृषि तकनीक के ज्यादा प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से 24 कृषि प्रचार वाहनों को...
More »किसानों के लिए लाएं अच्छे दिन- ज्योतिरादित्य सिधिया
हमारे देश की नींव दो लोगों के कंधे पर खड़ी है, इनमें प्रथम जवान हैं दूसरे किसान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। वर्तमान सरकार के पिछले 18 महीने के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र को बहुत ही बेरहमी से कुचला गया है। कृषि भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ है। न केवल जीडीपी में इसका 16 प्रतिशत का योगदान है, बल्कि लगभग 50...
More »सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
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