अगर आप मानते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के ज्यादातर किसानों को उपज का लाभकर मूल्य दिलाने में कारगर है तो आप गलत सोच रहे हैं। अगर विश्वास ना हो तो नीचे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की नई रिपोर्ट के इन तथ्यों पर गौर कीजिए।(देखें नीचे दी गई रिपोर्ट) साल 2012 के जुलाई महीने से दिसंबर महीने के बीच देश के किसान प्रति क्विंटल धान में से महज 17 किलो सहकारी या...
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झारखंड : 14 साल में बेच दिया 93 हजार करोड़ का पत्थर
झारखंड में पत्थर माफिया राज कर रहे हैं. एक तरफ ये पहाड़ को काट कर खत्म कर रहे हैं, वैध के साथ-साथ अवैध खुदाई कर रहे हैं, पर्यावरण को नष्ट कर लोगों के जीवन से खेल रहे हैं. दूसरी तरफ झारखंड सरकार को देनेवाले राजस्व की चोरी भी कर रहे हैं. यह बड़ा अपराध है. इन लोगों ने 14 साल में 93 हजार करोड़ रुपये का पत्थर बेच दिया...
More »झारखंड में भूमि अधिग्रहण में हेरफेर, दो अधिसूचना के बीच सक्रिय हुए बिचौलिये, बनाये करोडों रुपये
रांची : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नया भूमि अधिग्रहण कानून लाने के अपने भूमि विधेयक को पारित करवाने के लिए कृत संकल्पित है. मोदी सरकार का दावा है कि इस विधेयक में आदिवासियों की भूमि की बात नहीं की गयी है और महज सात आवश्यक परियोजनाओं के लिए उनके भूमि को थोडी आसान शर्त पर अधिग्रहित करना चाहती है. जैसे, आधारभूत संरचना, रक्षा परियोजना निर्माण, सार्वजनिक महत्व की संपत्तियों...
More »चेक लेकर बोला किसान, ''इससे अच्छा तो मर जाते''
सरकारी तंत्र मुआवजे के नाम पर किसानों के साथ कितना बड़ा मजाक कर रहा है, उसकी पोल फैजाबाद का यह छोटा सा मिश्रित आबादी वाला गांव वाजिदपुर खोल रहा है। कब्रिस्तान के गाटे को खेती दिखाकर 100-100 रुपये के आठ चेक बना दिए। खुद प्रधान के घर के दो सदस्यों को इंतकाल के बाद भी सौ-सौ रुपये के चेक थमा दिए गए। इनके अलावा दर्जनों किसान तो ऐसे हैं जिन्हें फूटी...
More »खाली हैं अन्न उपजाने वाले हाथ- देविन्दर शर्मा
कृषि मोर्चे पर एक नया संकट आ गया है। सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार द्वारा किसानों को फसल उत्पादन की कुल लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देने में असमर्थता जताने के बाद तलवारें खिंच गई हैं। मार्च के मध्य से ही कई किसान संगठन इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है। वाकई लोकसभा चुनाव के दौरान ही...
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