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डीजल की कीमतों में छिपी गुत्थियां - परंजॉय गुहा ठाकुरता

कि अपेक्षा थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने देश में सर्वाधिक उपयोग किए जाने वाले पेट्रोलियम उत्पाद डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने का निर्णय ले लिया। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में जो अप्रत्याशित गिरावट आई, उससे उत्साहित होकर ही सरकार डीजल की कीमतों में कटौती करने का निर्णय ले सकी है। किंतु डीजल की कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने के अपने...

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चीनी की कम होती मिठास - के सी त्यागी

जनसत्ता 14 अक्तूबर, 2014: महाराष्ट्र की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में स्वीकार किया कि प्रतिवर्ष लगभग सैंतीस सौ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मगर दूसरी तरफ उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा दिया जाने वाला (समर्थन मूल्य के अतिरिक्त) बोनस रोकने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने...

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मेक इन इंडिया से मेड इन इंडिया तक - डॉ. पीके चांदे

भारत व जापान अपनी समृद्ध संस्कृतियों के साथ दो महान एशियाई सभ्यताएं हैं। लेकिन हम उनके और अपने विकास के बीच बड़ा फर्क देखते हैं। जापान एक ऐसा देश है, जिसने अपनी रचनात्मकता को उभारा और अपने विकास को वैश्विक व्यवस्था के मुताबिक बनाया। शुरुआत में हमने उनके उत्पाद की गुणवत्ता पर सवाल उठाए, लेकिन आज जापान अपनी गुणवत्ता, विश्वसनीयता और निर्माण प्रक्रियाओं के लिए ही जाना जाता है। अनेक...

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शिक्षा को नवोन्मेषी बनाने की चुनौती- गिरीश्वर मिश्र

आधुनिक भारत में विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा का आरंभ हुए एक शताब्दी से अधिक का समय बीत चुका है। स्वतंत्रता मिलने के बाद इसे प्रोत्साहन मिला और धीरे-धीरे सरकार द्वारा विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न प्रकार के ‘प्रोफेशनल' शिक्षा देने वाले तकनीकी, मेडिकल और प्रबंधन के संस्थान खुलते चले गए। शुरू में ब्रिटेन और बाद में अमेरिका से उधार लिए गए एक बंधे-बधाए सांचे में शिक्षा का विस्तार होता गया। उधारी...

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गन्ना किसानों के जीवन में ही मिठास नहीं- के सी त्यागी

कुछ ही दिनों में केंद्र सरकार अपने 100 दिन पूरे करने का जश्न मना रही होगी। तमाम विश्लेषक अपनी तरह से समीक्षा में लग जाएंगे, परंतु अब तक के कार्यकाल में एनडीए सरकार ने अपनी नीति से आने वाले खराब दिनों की तस्वीर दिखाकर किसानों को डराने का ही काम किया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नई सरकार द्वारा किए गए समर्थन मूल्य की घोषणा है। लोकसभा चुनाव के दौरान...

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