- भोजन का अधिकार अभियान, झारखण्ड, अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में भोजन के अधिकार अभियान, झारखंड के सदस्यों ने राज्य के मूल जन सुविधाओं (जैसे राशन दुकान, आंगनवाड़ी, बैंक, दाल-भात केंद्र, आदि) की स्थिति का एक सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण में पाए गए तथ्यों का एक संक्षिप्त सारांश संलग्न है. 19 ज़िलों के 50 प्रखंड से प्रेक्षकों ने फ़ोन के माध्यम से अपने क्षेत्र की जानकारी दी. स्थिति काफी चिंताजनक है: इस संकट...
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लॉकडाउन : गेहूं किसानों के हितों को देखते हुए सरकार ने खाद्यन्न के पैकेजिंग नियमों में दी ढील
-आउटलुक, कोरोना वायरस के कारण देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण जूट मिलें बंद है जबकि गेहूं की फसल की कटाई जोरों पर है इसलिए केंद्र सरकार ने खाद्यान्न पैकजिंग के पैकेजिंग नियमों में ढील देते हुए किसानों को गेहूं की पैकेजिंग के लिए पॉलिमर सामग्री से बने बोरों के इस्तेमाल की अनुमति दी है। कपड़ा मंत्रालय के अनुसार इस कदम का मकसद गेहूं किसानों के हितों की रक्षा करना...
More »ऊँट के मुह में जीरा – झारखंड मुख्यमंत्री की राहत घोषणा अपर्याप्त
- भोजन का अधिकार अभियान (झारखंड) द्वारा जारी प्रेसनोट झारखंड सरकार ने अपने राहत योजनाओं के तहत घोषणा की है कि, जन वितरण प्रणाली से छूटे जिन पात्र परिवारों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है, उन्हें 10 किलो अनाज मिलेगा । एक धारणा बनाई गई है कि ऐसे परिवारों को 10 किलो अनाज प्रति माह मिलेगा । वास्तव में, इस तरह का कुछ भी होता नहीं दिख रहा है । इसके...
More »गेहूं की खरीद में देरी से बिगड़ा गणित : कटाई से लेकर भंडारण तक में हो रही है परेशानी
-आउटलुक, रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की खरीद प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पहली अप्रैल से शुरू होती है तथा मध्य प्रदेश और राजस्थान से खरीद मध्य मार्च से शुरू जाती है। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण अभी तक कहीं खरीद शुरू नहीं हो पाई है जबकि कई राज्यों में कटाई के साथ ही कढ़ाई भी शुरू...
More »गेहूं की आपूर्ति कम होने से शहरों में आटे की किल्लत
-आउटलुक, देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति दुरुस्त करने को लेकर सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में अनाज मंडियां बंद होने के कारण शहरों में आटे की किल्लत हो गई है, लेकिन गांवों में ऐसी समस्या नहीं है। कारोबारियों ने बताया कि गांवों में किसानों के पास खुद का गेहूं है और पीडीएस के तहत लोगों को मिलने वाला अनाज भी...
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