केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पश्चिम एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र तथा उप-सहारा क्षेत्र में जारी संघर्ष और कई अन्य देशों में कायम अस्थिरता की स्थिति इन क्षेत्रों में गरीबी बढ़ा सकती है। विश्व बैंक एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए यहां आये जेटली ने विश्व में‘बलात विस्थापन एवं इसकी चुनौतियां'मुद्दे पर विश्व बैंक द्वारा तैयार...
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जहां मिलता है भूखों को मुफ्त भोजन
हमारे देश में दो तरह के लोग पाये जाते हैं. एक वे, जो खाते-खाते मर जाते हैं और दूसरे वे, जो खाये बिना मर जाते हैं. खाने की अमीरी और गरीबी की इसी खाई को पाटने की एक छोटी-सी कोशिश कर रही हैं एर्नाकुलम की मीनू पॉलिन. बैंक की नौकरी छोड़ कर दो साल पहले रेस्त्रां के व्यवसाय से जुड़ीं मीनू ने लोगों के सहयोग से भूखों को मुफ्त भोजन...
More »आरक्षण की आग में झुलसता समाज- नीरजा चौधरी
कृषक जातियों में बेचैनी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि खेती-किसानी अब मुनाफे का काम नहीं रही। उनके बच्चों के पास तकनीकी तालीम भी नहीं है, जिससे वे नए जमाने की नौकरियां पा सकें। ऐसे में राजनीतिक दांव-पेच उन्हें और अधीर कर रहे हैं। जाति-युद्ध की तरफ बढ़ती आग को रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाने चाहिए। हाल के घटनाक्रमों पर पेश है वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का विश्लेषण पिछले...
More »सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष
महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
More »क्या गरीबी एक राजनीतिक पूंजी है? - विजय संघवी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में कहा कि भारत में गरीबी कायम रखने में कांग्रेस का योगदान था, क्योंकि गरीबों को वे वोटबैंक की तरह मानते थे। शाह ने जो कहा, वह एक राजनीतिक आम धारणा भी है। लेकिन इस कथन की विस्तार से पड़ताल करने के लिए हमें इसके विभिन्न् परिप्रेक्ष्यों को ठीक से समझना होगा। जॉन राल्स्टन सॉल ने तीन तरह के छवि-निर्माताओं की तस्दीक की है।...
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