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गरीबों की झोपडि़यों में सीएफएल की रोशनी

पटना गरीबों की झोपड़ियां अब कम्प्रेस्ड फ्लोसेंट लैंप (सीएफएल) से जगमगायेंगी। केंद्र की ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले (बीपीएल) प्रत्येक परिवार के घर में सीएफल लगाये जायेंगे। बिहार राज्य विद्युत बोर्ड को आठ जिलों का विद्युतीकरण करना है। इसमें बेगूसराय, कटिहार, सुपौल, समस्तीपुर, शेखपुरा, मधेपुरा, खगड़िया, सहरसा आदि शामिल हैं। आठों जिलों के छह लाख दो हजार 564 बीपीएल परिवारों के यहां बिजली का कनेक्शन देना है। केन्द्र सरकार...

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नई सरकार का गरीबों को तोहफा

रांची। सत्ता में आते ही शिबू सरकार ने सूबे को नए वर्ष का तोहफा दे दिया है। गरीबों को अत्यंत सस्ते दर पर प्रतिमाह 35 किलो अनाज दिया जाएगा। वृद्धावस्था पेंशन की राशि भी बढ़ाई जाएगी। गरीबी रेखा सूची को सुधारा जाएगा और छूटे नामों को नयी सूची में शामिल करते हुए नये राशनकार्ड निर्गत किये जाएंगे। शपथग्रहण समारोह के बाद प्रोजेक्ट भवन में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के बाद शिबू ने...

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पांच अनाथ बच्चों की कब बदलेगी किस्मत?

इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...

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बीपीएल घरों में नहीं हो सका उजाला

बरवाला. प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल) परिवारों के लिए निशुल्क बिजली कनेक्शन देने की योजना शुरू की मगर योजना का लाभ असली लोगों को नहीं मिल पाया। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण नामक इस योजना को शुरू हुए करीब दो साल हो चुके हैं मगर बरवाला के ग्रामीण क्षेत्र में एक भी बीपीएल परिवार को कनेक्शन नहीं मिला। इसके विपरीत बरवाला शहर में लगभग एक दर्जन बिजली कनेक्शन लगा दिए...

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ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा

यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...

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