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जनेश्वर से छोटे लोहिया तक का सफर

इलाहाबाद । बलिया के बैरिया क्षेत्र के शुभनथहीं गांव में 5 अगस्त 1933 को जन्मे जनेश्वर मिश्र का राजनैतिक कैरियर इलाहाबाद में ही शुरू हुआ। वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर वर्ष 1953 में यहां आए। किसान रंजीत मिश्र के दो पुत्रों में बड़े जनेश्वर शुरू से ही सोशलिस्ट विचारधारा से प्रभावित हो गए थे और फिर सोशलिस्टों के साथ ही रहें। चार दशक तक भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जनेश्वर मिश्र ने देश...

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जनेश्वर मिश्र नहीं रहे

इलाहाबाद। छोटे लोहिया के नाम से विख्यात समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र का शुक्रवार को देहावसान हो गया। 77 वर्षीय मिश्र ने अपनी कर्मस्थली इलाहाबाद में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर पर बेली रोड स्थित भतीजे के आवास पर सभी दलों के कार्यकर्ता श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े। शनिवार दोपहर संगम के पास उनकी उनकी अंत्येष्टि की जाएगी। उत्तार प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और राज्यपाल बीएल जोशी ने मिश्र के निधन पर शोक जताया...

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..तब हर घर में बनेगी बिजली

कानपुर। अब हाइड्रोजन से कार ही नहीं चलेगी, बिजली बनेगी। लोग घर में अपने जरूरत के मुताबिक बिजली का उत्पादन कर सकेंगे। भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर मे तेजी से काम चल रहा है। एक पेंसिल बल्ब जलाने में सफलता मिल गयी। 2015 तक पांच किलोवाट उत्पादन क्षमता का पावर हाउस सिस्टम विकसित कर लिया जायेगा। बढ़ती ग्लोबलवार्मिग और घटते पेट्रोलियम व कोयले के भंडार को देखते हुए हाइड्रोजन को भविष्य के ईधन रूप में...

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2009 में घटेगी विश्व ऊर्जा की खपत

लंदन। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी [आईईए] ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय संकट के कारण वर्ष 1981 के बाद पहली बार इस वर्ष दुनिया भर में ऊर्जा की खपत में गिरावट आएगी। आईईए ने मंगलवार को लंदन में व‌र्ल्ड एनर्जी आउटलुक [डक्ल्यूईओ] जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में आर्थिक संकट के प्रभाव से वर्ष 2009 में ऊर्जा की मांग में दो प्रतिशत की गिरावट...

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पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

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