अब आम आदमी का धन क्या बैंकों में सुरक्षित नहीं रहेगा? एफआरडीआइ विधेयक की बाबत इस सवाल पर चर्चा जारी है। सामान्यतया बैंक और उसके जमाकर्ताओं के हित परस्पर विरोधी नहीं होते, पर जब उद्योगपतियों को दिए गए विशाल कर्जों की माफी के लिए ‘बेलआउट पैकेज' और इस कारण दिवालियेपन के कगार पर पहुंचे बैंकों को बचाने के लिए ‘बेल इन' का सहारा लिया जाता है तब बैंकों और जमाकर्ताओं...
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मानदेय घोटाला : 14 अफसरों के खिलाफ होगी एफआईआर
भोपाल। महिला एवं बाल विकास विभाग ने राजधानी के आठ परियोजना अधिकारी व छह लिपिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आवेदन पुलिस को दिया है। सभी पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के नाम पर दोहरा मानदेय निकालने का आरोप है। इन अफसरों ने तीन साल में ढाई करोड़ रुपए गलत तरीके से निकाल लिए थे। पुलिस ने मामला जांच में ले लिया है। मामले की प्रारंभिक जांच के बाद ही...
More »बजट में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर हो सकता है जोर
दीपशिखा सिकरवार/ हिमांग्शु वत्स, नई दिल्ली गुजरात चुनाव में गैर-शहरी क्षेत्रों में बीजेपी को झटका लगने से सरकार को लेकर किसानों की नाराजगी का संकेत मिला है। ऐसे में आगामी बजट में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अधिक जोर दिया जा सकता है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने ईटी को बताया कि सरकार पिछले कुछ समय से किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपाय भी तलाश रही है। वह किसानों...
More »मीडिया से कुछ असहज सवाल-- मृणाल पांडे
एक जमाने में सबको खबर देने और सबकी खबर लेने का गर्व से दावा करनेवाला, अपने को जनता का पक्षधर और सबसे तेज, निर्भीक और निष्पक्ष बतानेवाला मीडिया का एक हिस्सा आज अपने मालिकान और खुद अपने हित स्वार्थों की राजनीति से अंतरंग जुड़ाव को लेकर सवालों के कठघरे में खड़ा है. जिस दौर में राजनीति ही नहीं, मीडिया का रूप, खबरें देने के तरीके और दायरे बदलते जा रहे...
More »मक्के की खेती और पर्यावरण-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
बिहार के गांवों में मक्के की फसल लहलहा रही है. मेरा एक मित्र विदेश में रहता है, वह इस हरियाली को देखकर अभिभूत हो गया. यह सच है कि आप यदि इस समय बिहार के गांवों में जायें, तो मक्के की खेती देखकर अापका मन भी प्रसन्न हो जायेगा. खासकर बिहार के सबसे गरीब जिले, जैसे- कटिहार, पूर्णिया, किसनगंज, अररिया, आदि में भी हाल के दिनों में मक्का रखने के...
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