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अति पिछड़ों की राजनीतिक भूमिका-- बद्री नारायण

बिहार में अब सिर्फ दलितों और पिछड़ों की राजनीति नहीं हो रही, इसकी राजनीति का नया रुझान महादलित और अति पिछड़ों से जुड़ा है। ये दो श्रेणियां बताती हैं कि जिन्हें हम दलित और पिछड़े वर्गों की तरह देखते हैं, उनका स्वरूप हर जगह एक सा नहीं है। इन वर्गों के भीतर भी गैर-बराबरी, ऊंच-नीच या भेदभाव है। इसके चलते संसाधनों का समान वितरण नहीं हो पाता। इनके भीतर भी ऐसी...

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आरक्षण पर लगातार बढ़ती उलझनें - डॉ एके वर्मा

गुजरात के पाटीदार या पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन ने देश को एक बार फिर पच्चीस वर्ष पीछे धकेल दिया। 1990 के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं और देश में आरक्षण 22.5 फीसदी से बढ़कर 49.5 फीसद हो गया, क्योंकि अनुसूचित जाति/जनजाति के अलावा अन्य पिछड़े वर्ग के लिए भी 27 फीसदी आरक्षण का कानून बन गया। देश-समाज जल उठा और जातीय आधार पर एक गहरी विभाजन...

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चिंताजनक है बढ़ती शिक्षित बेरोजगारी-- रामदत्त त्रिपाठी

उत्तर प्रदेश के नौजवानों ने पहली बार सत्ता के मुख्य केंद्र राज्य सचिवालय को झकझोर दिया है। पीएच. डी., पोस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियरिंग और एमबीए डिग्री धारक समेत करीब तेईस लाख युवक-युवतियों ने चपरासी के चार सौ से कम पदों के लिए फॉर्म भरा है, जिसके लिए सरकारी तौर पर मात्र पांचवीं पास की योग्यता निर्धारित है। सरकार का माथा चकरा रहा है कि चयन की कौन-सी प्रक्रिया अपनाई जाए? इससे...

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पावर सेक्‍टर की हालत खराब, 24 घंटे बिजली देने में ये हैं अड़चनें

नई दिल्‍ली। पावर सेक्‍टर की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, जबकि सरकार का वादा है कि वर्ष 2022 तक सभी को 24 घंटे बिजली दी जाएगी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कमान संभाली है और बिजली कंपनियों और राज्‍य सरकारों से बातचीत शुरू की है। लेकिन अब तक की सरकार की कवायद को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कई ऐसी अड़चनें हैं, जिसका समाधान...

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‘सरकारें चाहती हैं कि संसाधनों पर जनता का कोई नियंत्रण न रहे’- मेधा पाटकर

सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 214 किलोमीटर का है. इस परियोजना से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत आदिवासी और 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब और वंचित समुदायों के हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत जनशक्ति के आधार पर हुई है. अब तक जो हासिल हुआ वह लंबे मैदानी संघर्ष और कानूनी लड़ाइयों की वजह से संभव हुआ है. इस आंदोलन...

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