पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...
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स्त्रीविरोधी हिंसा की जमीन- विकास नारायण राय
जनसत्ता 12 सितंबर, 2013 : सोलह दिसंबर के दिल्ली के चर्चित बलात्कार कांड की बाबत अदालती फैसला आ गया है। इस फैसले के बरक्स स्त्रियों के विरुद्ध हिंसा ज्यों की त्यों जारी है। सारे समाज को उद्वेलित करने वाले इस कांड के बाद यौनहिंसा से संबंधित कानूनों की समीक्षा की जरूरत महसूस हुई और इसके लिए केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा की अध्यक्षता में...
More »‘ऐसे कानून के लिए हम विकास दर बढ़ने का इंतजार करते रहें, यह जरूरी तो नहीं’
खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अलग-अलग खेमों से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. सामाजिक कार्यकर्ता इसकी तारीफ कर रहे हैं तो कॉरपोरेट जगत इस पर चिंतित है. अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज, रेवती लॉल को बता रहे हैं कि क्यों देश को इस कानून की जरूरत है और इसमें कौन-सी खामियां हैं जो दूर होनी चाहिए. खाद्य सुरक्षा विधेयक ने तमाम आशंकाएं पैदा कर दी हैं. पहली आशंका यह है कि देश के...
More »गए गुरुजी काम से- राहुल कोटियाल
गया वह ज़माना जब शिक्षक पढ़ाया करते थे. अब उन्हें छत्तीस सरकारी कामों के लिए नौकरी पर रखा जाता है. राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. 'वर्तमान शिक्षा-पद्धति रास्ते में पड़ी हुई कुतिया है, जिसे कोई भी लात मार सकता है.’ यह टिप्पणी प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने सबसे चर्चित उपन्यास 'राग दरबारी' में की थी. यह उपन्यास आज से लगभग पचास साल पहले लिखा गया था. यह वह दौर था जब...
More »यौन हिंसा की जड़ें- रुचिरा गुप्ता
जनसत्ता 4 सितंबर, 2013 : कुछ दिन पहले जब मैंने मुंबई में एक तेईस वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार की घटना के बारे में पढ़ा, तो कुछ पुरानी घटनाएं सामने घूमने लगीं। यानी फिर से वही सब! करीब उनतीस साल की उम्र में छह दिसंबर, 1992 को जब मैं एक रिपोर्टर की हैसियत से उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना की खबर जुटा रही थी तो मुझ...
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