पारादीप। उड़ीसा सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने राज्य के जगतसिंहपुर जिले में पॉस्को के 51,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित इस्पात परियोजना के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पारादीप के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सरोज के. चौधरी ने बताया कि हमने गाडा कुजांग पंचायत क्षेत्र में पूरी तरह से सत्यापन करने के बाद लोगों के पास मौजूद सरकारी जमीन का...
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सामुदायिक सिंचाई से सपने लहलहाए
कुचायकोट [गोपालगंज, मनोज राय]। सवनहीं जगदीश गांव के कन्हैया सिंह, वीरेन्द्र सिंह, दुखी सिंह, महावीर सिंह और मंगल सिंह, ये पांच किसान हैं, जिन्होंने वर्ष 2001 में सामुदायिक सिंचाई की छोटी-सी पहल की थी। दस बरस में यह प्रयास कुछ यूं रंग लाया कि सामुदायिक सिंचाई अब कृषि विकास का 'माडल' बन चुका है। पैदावार भी अच्छी होने लगी और मानसून पर से निर्भरता भी घटी। सिंचाई व्यवस्था की इस...
More »हरियाणा और पंजाब से लेना होगा सबक
चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
More »गरीबी : अध्ययन रिपोर्ट पर करोड़ों खर्च नतीजा सिफर
भोपाल. प्रदेश में आदिवासियों की गरीबी दूर करने के उपाय सुझाने के लिए विदेशी सहायता से चल रहे एक प्रोजेक्ट में सिर्फ अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के नाम पर एक करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी नतीजा सिफर है। छह साल में सौ से ज्यादा रिपोर्ट बनाने वाले प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ताओं के पास भी इस सवाल का सीधा जवाब नहीं है कि आखिर उनकी इस मेहनत से कितने लोगों की गरीबी...
More »आशियाने ही नहीं, उम्मीदें भी लगीं दरकने
संगरूर-बाढ़ का पानी बेशक उतरने लगा हो, लेकिन खौफ व दर्द अब भी इनकी आंखों के आंसू सूखने नहीं दे रहा। जान बच गई बस यही काफी है। पानी ने जिंदगी की जो रफ्तार एकाएक रोक दी, वह कब रवानी पकड़ेगी क्या मालूम। अभी तो यह चिंता साल रही है कि कहीं फिर आसमान रूठा तो रही सही कसर पूरी हो जाएगी। लोग कभी अपने घरों की दरारों को देखते हैं...
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