ग्रामीण भारत के केवल 49.8 प्रतिशत परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं। 46.7 प्रतिशत ग्रामीण परिवार खाना पकाने के लिए लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों के 6.5% परिवारों में खाना पकाने के लिए लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। अगर बात करें पीने के पानी की तो केवल 39.1 प्रतिशत परिवारों के पास ही आवास के भीतर पीने के पानी की...
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पी.वी. सतीश : लीक से हटकर लकीर खींचने वाले शख्स
बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है। पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...
More »नरेगा विरोध का 34वां दिन: राजस्थान के नरेगा मज़दूरों ने साझा की परेशानियां
29 मार्च, नई दिल्ली जंतर-मंतर पर नरेगा मजदूरों के 100 दिवसीय धरने का आज 34वां दिन रहा। धरने में शामिल मज़दूरों ने आज भी अपनी शिकायतों को व्यक्त किया और अपने अधिकारों की मांग को उठाया। राजस्थान से आये नरेगा मज़दूरों ने कई पहलुओं के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से प्रतिक्रिया या शिकायत निवारण की कमी को उजागर करते हुए धरने से पहले अपने संघर्षों को रखा। धरने पर बैठने के दौरान...
More »असम पुलिस के एनकाउंटर में मरने वाला किसान निकला
DW हिंदी, 14 मार्च पूर्वोत्तर राज्य असम में पुलिस हिरासत या मुठभेड़ में कथित बेकसूरों की मौत की घटनाओं पर विवाद बढ़ रहा है. बीते 24 फरवरी को एक किसान को कथित डकैत बता कर मुठभेड़ में मारने की घटना ने इस विवाद को और सुलगा दिया है. असम पुलिस ने सफाई दी है कि यह गलत पहचान का मामला था. मानवाधिकार संगठनों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाया...
More »कैसे असम का मिसिंग समुदाय वास्तुशिल्प डिजाइन के जरिए बाढ़ से मुकाबला कर रहा है
मोंगाबे हिंदी, 4 मार्च ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे मेधिपामुआ गांव में दिसंबर की गुनगुनी धूप हर तरफ फैली है। गांव के कुछ पुरुष, महिलाएं और बच्चे झुंड बनाकर जमीन से कुछ फीट ऊपर बने एक टिन की छत, खुले और कंक्रीट के ढांचे के नीचे बाढ़ से निपटने की तैयारी के तरीकों पर चर्चा करने के लिए इक्टठा हुए हैं। असम के धेमाजी जिले में पड़ने वाले इस गांव के...
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