SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 151

बचपन का बोझ कम करने के लिए- हरिवंश चतुर्वेदी

स्कूली बच्चों और अभिभावकों के लिए यह अच्छी खबर है। अब पहली से दसवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूली बैग का वजन निर्धारित कर दिया गया है। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित क्षेत्रों को निर्देश दिए गए हैं कि अब स्कूली बच्चों के बैग का वजन वही होगा, जो कि मंत्रालय ने निर्धारित किया है। अब पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के बैग...

More »

आर्थिक उन्नति में सब हों हिस्सेदार-- कार्तिक मुरलीधरन

भारत में केंद्र और राज्य सरकार अपने लोक-कल्याण कार्यक्रमों पर काफी ज्यादा खर्च करती हैं, लेकिन इन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में कई कमजोरियां हैं। प्रशासनिक लागत, लीकेज (रिसाव) और लाभार्थियों की पहचान में गलतियों को जोड़कर सरकारी आंकड़े खुद बताते हैं कि योजनाओं पर खर्च होने वाली रकम का बड़ा हिस्सा लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता है। कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने यह सुझाव दिया है कि भारत में गरीबी कम करने की...

More »

ताकि वे अपनी पसंद से खरीदें अनाज- कार्तिक मुरलीधरन

सस्ते दामों पर राशन का सार्वजनिक वितरण (पीडीएस) भारत की प्रमुख खाद्य सुरक्षा योजना है, लेकिन यह कई जानी-पहचानी समस्याओं से घिरी है। सरकारी एजेंसियों का ही आकलन है कि पीडीएस पर सरकारी खर्च का एक बड़ा हिस्सा उचित लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता। इसके चलते, एक विकल्प सामने आया कि क्यों न इस सब्सिडी युक्त अनाज की जगह लाभार्थियों को (खाद्य पदार्थों पर खर्च करने के लिए) सीधा पैसे भेजे...

More »

बदल रही है परहिया समुदाय की जिंदगी

लातेहार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर औरंगा नदी के किनारे स्थित है उचुवाबाल. यह मनिका प्रखंड की रॉकी कलां पंचायत के लंका गांव का टोला है. इस टोले में परहिया समुदाय के 80 परिवार हैं. उनकी जीविका का एकमात्र जरिया हैं जंगल की उपज. इन वनोत्पादों को एकत्र करना और उन्हें बाजार में बेचना यही उनके आर्थिक जीवन का आधार है. इसके अलावा उच्च जाति के लोगाों के...

More »

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार, भारत पर असर-- संदीप बामजई

वैश्विक अर्थव्यवस्था में 40 प्रतिशत की दखल रखनेवाले अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वार ने दोनों देशों के चार दशक पुराने रिश्ते को खत्म होने के कगार पर ला छोड़ा है. कुछ विशेषज्ञ इसे आर्थिक शीत युद्ध की आहट बता रहे हैं. वहीं, कुछ विशेषज्ञों का ऐसा भी कहना है कि यह ट्रेड वार अगले बीस वर्षों तक जारी रह सकता है. इस हफ्ते दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close