SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 92

ताकि हर बच्चे को मिले अच्छी शिक्षा-- हरिवंश चतुर्वेदी

संख्या के आधार पर देखा जाए, तो दुनिया में भारत की स्कूली शिक्षा-व्यवस्था चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगी। देश के15 लाख स्कूलों में 26 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इन 15 लाख स्कूलों में 11 लाख सरकारी और चार लाख प्राइवेट स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों की संख्या 85 लाख है, जिनमें से 47 लाख अध्यापक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। हर वर्ष सालाना परीक्षाओं में जब...

More »

मध्यप्रदेश-- प्रांत भर में खुलना थे 255 इंग्लिश मीडियम स्कूल, पर नहीं खुले

उज्जैन, ब्यूरो। राज्य शिक्षा केंद्र के एक आदेश से प्रदेशभर में 255 नए इंग्लिश मीडियम स्कूल खुलना थे, मगर नहीं खुल पाए। अफसर पिछले साल खोले गए स्कूलों का फीडबैक लेकर शांत बैठ गए और इस बीच 16 जून से नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो गया है व 23 जून से निजी स्कूलों में नि:शुल्क दाखिले की प्रक्रिया भी। अब प्रस्तावित नए अंग्रेजी माध्यम स्कूल न खुलने से क्षेत्रीय पालक...

More »

उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को 2 अक्टूबर से मिलेगा 4 लाख का लोन

पटना : बिहार के उन छात्रों के लिये खुशखबरी है जो आर्थिक परेशानियों की वजह से पढ़ाई को अधूरा छोड़ते हैं या उच्च शिक्षा नहीं ले पाते. बिहार सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सात निश्चय के तहत छात्रों के सपनों को पूरा करने के लिए बहुत जल्द स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को धरातल पर लाने जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान कहा...

More »

उच्च शिक्षा में बढ़ती खाई-- शैलेन्द्र चौहान

भारत सरकार ने विश्वविद्यालय में शिक्षा हासिल करने वाले शिक्षार्थियों की संख्या 2030 तक बढ़ा कर तीस प्रतिशत करने का लक्ष्य तय कर रखा है। जबकि भारत में सिर्फ बारह प्रतिशत लोगों को ही विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल पाता है। वर्तमान में भारत में दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस लर्निंग) यानी घर बैठे पढ़ाई करने वालों की तादाद पैंतीस लाख है। चिंताजनक बात यह कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों और...

More »

बच्‍चों को सिखाना ही हो तो खुद अपना फैसला लेना सिखाएं - प्रो. कृष्‍ण कुमार

हमारी शिक्षा व्यवस्था में आज यह कमजोरी है कि हम बच्चों के अपने अनुभवों को, उनकी अपनी स्वाभाविक बोली को, जुबान को बहुत जल्दी एक मानक भाषा में या एक मानक सोच के सांचे में ढाल देना चाहते हैं। हम अपनी व्यवस्था में एक छोटे बच्चे और किशोर में फर्क नहीं कर पाते। हालांकि शिक्षक सीखते जरूर हैं शिक्षक प्रशिक्षण में कि बाल मनोविज्ञान ऐसा होता है, शिशु ऐसा होता...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close