नई दिल्ली। राजनीतिक दलों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार और चुनाव आयोग सहित मान्यता प्राप्त छह राष्ट्रीय पार्टियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भाजपा, कांग्रेस, बसपा, एनसीपी, सीपीएम और सीपीआई...
More »SEARCH RESULT
कचरा प्रबंधन से ही स्वच्छ होगा भारत
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। झाड़ू उठाने भर से नहीं बल्कि कचरे को ठिकाने लगाने से स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकेगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना निकलने वाले लाखों टन कूड़े का उचित प्रबंधन न होने से कई तरह की मुश्किलें पैदा हो गई हैं। खुले में शौच बंद करने के पुख्ता उपाय और घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण प्रशासन के लिए कठिन चुनौती बन...
More »कारपोरेट खेती से किसका भला होगा- सुभाषचंद्र कुशवाहा
मानो फसलों की बर्बादी और किसानों की आत्महत्या ही काफी न हो, अब एसोचैम ने शोध प्रस्तुत किया है कि कॉरपोरेट और ग्रुप फार्मिंग ही छोटे किसानों को आपदाओं से बचाएगी। एसोचैम किसानों को राहत देने के पक्ष में नहीं है। उसकी मंशा कंपनियों को राहत देने की है। उसके मुताबिक, किसानों की जमीन औने-पौने दामों में कॉरपोरेट को सौंप देनी चाहिए। उसका मानना है कि कृषि ऋण लगातार बढ़ाने...
More »बीस साल में 10,000 अरब डॉलर की हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: रिपोर्ट
नयी दिल्ली: पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कारपोरेट क्षेत्र के सतत प्रयासों एवं सरकार की रचनात्मक भूमिका के बल पर भारत 9 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता रखता है और 2034 तक यह 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक बड़े बदलाव के मुहाने पर है. यदि कारपोरेट क्षेत्र सतत प्रयास करे और सरकार एक जबरदस्त उद्यमशीलता...
More »ज्यां द्रेज़: सामाजिक नीति का कथा पुराण
आज शायद ही किसी को वह चिट्ठी याद होगी जिसे सात अगस्त 2013 को नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा था. इस चिट्ठी में मोदी ने दुख जताया था कि "खाद्य सुरक्षा का अध्यादेश एक आदमी को दो जून की रोटी भी नहीं देता." खाद्य-सुरक्षा के मामले पर लोकसभा में 27 अगस्त 2013 को बहस हुई तो उसमें भी ऐसे ही मनोभावों का इज़हार हुआ. तब भारतीय जनता पार्टी के...
More »