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एक लड़ाई मुहब्बत की: यलगार परिषद 2021 में अरुंधति रॉय

-जनपथ, मैं 2021 यलगार परिषद के आयोजकों का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मुझे आज के दिन इस मंच पर बोलने के लिए बुलाया. आज जो रोहित वेमुला की 32वीं सालगिरह रहा होता, और जो 1818 में भीमा कोरेगांव की लड़ाई में जीत का दिन है. वह जगह यहां से दूर नहीं है, जहां ब्रिटिश आर्मी में लड़ने वाले महार फौजियों ने पेशवा राजा बाजीराव द्वितीय को हराया था, जिनकी...

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आंदोलन लोरी नहीं है, वह सत्ता को झकझोरने के लिए ही किया जाता है

-द वायर, जो तय नहीं हुआ था, वह नहीं किया जाना चाहिए था. यह एक सामान्य स्वीकृत सिद्धांत है. लेकिन ऐसा अगर नहीं हुआ तो इसके लिए कौन सी परिस्थितियां जिम्मेदार हैं उनके बारे में बात किए बिना किसी घटना को समझा नहीं जा सकता. 26 जनवरी को किसान आंदोलन में शामिल लोगों के एक हिस्से ने तय रास्ते से अलग हटकर ट्रैक्टर जुलूस निकाला और दिल्ली के अलग अलग रास्तों से...

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प्रदेश में किसान आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस हमें सता रही है : यूपी के किसान नेता

-कारवां, उत्तर प्रदेश के तीन किसान नेताओं के मुताबिक राज्य में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को पुलिस दबाने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रामजन्म यादव ने 27 दिसंबर 2020 को किसानों की सभा में भाषण दिया था जिसके दो दिन बाद उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण कानून, 1970 के तहत जांच शुरू कर दी गई. इसी प्रकार वाराणसी...

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महिला किसान दिवस: खेत से लेकर सड़क तक आवाज़ बुलंद करती महिलाएं

-न्यूजक्लिक, यूं तो महिला किसान दिवस की अपनी एक अलग अहमियत है लेकिन आज हज़ारों महिला किसान, जो देश की राजधानी की सीमाओं पर डटी हुई हैं उन्होंने इसकी अलग ही परिभाषा गढ़ दी है। वो ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन की महज़ समर्थक ही नहीं बल्कि उसमें बराबर की भागीदार भी हैं। वो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने हक़ की लिए लड़ाई लड़ रही हैं, नारे लगा रही हैं...

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‘उन सबको मार दिया गया है’– कोविड के बाद पोल्ट्री किसानों के लिए एक और विपदा लाया बर्ड फ्लू

-द प्रिंट, सुधीर कुमार को पोल्ट्री फार्म व्यवसाय में सिर्फ ढाई साल हुए हैं, लेकिन उन्हें ऐसा लगता है, जैसे सारी ज़िंदगी इसी में गुज़र गई है. बीते साल में, महामारी और उसके बाद लॉकडाउन्स ने, उनके कारोबार को अकल्पनीय नुक़सान पहुंचाया है. फार्म की कुल 50,000 मुर्ग़ियों में से आधी को, उन्हें खुद से मार देना पड़ा. कुमार ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने ज़मीन खोदी और उन्हें ज़बर्दस्ती दफ्न कर दिया....

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