कोई और देश यहां भूख मिटाने नहीं आयेगा. संविधान में भी कहा गया है कि लोगों की भूख मिटाना सरकार का दायित्व है. ऐसे में भूखे लोगों की उपेक्षा कर अनाज का निर्यात अपराध ही है. देश में बंपर फसल को देखते हुए अनुमान है कि आगामी एक जून तक गेहूं और धान का भंडार करीब 7.5 करोड़ टन का हो जायेगा. दूसरी ओर देश में 32 करोड़ लोग आज भी...
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मिट्टी हमारा साथ छोड़ रही है -अनिल जोशी
जीवन के मूल संसाधनों को लेकर कही गई पुरानी कहावतें आज के परिप्रेक्ष्य में ज्यादा सही लगती हैं। मिट्टी भी उनमें से एक है। माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदें मोय, इक दिन ऐसा आएगा मैं रौंदूगी तोय। यह दोहा आज सटीक बैठ रहा है। मिट्टी के मोल अब पुराने नहीं रहे। यह भी अन्य प्राकृतिक संसाधनों की तरह विलुप्त होती जा रही है। यह संकट बड़ा है, क्योंकि...
More »किसान आत्महत्या मामले : अध्ययन के लिए संसदीय समिति बनाने का प्रस्ताव
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (एजेंसी) किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या के मामलों का गहराई से अध्यनन करने और ऐसी घटनाओं को रोेकने के मकसद से सरकार ने आज एक संसदीय समिति गठित करने का प्रस्ताव किया जिसमें दोनों सदनों के सदस्यों की मौजूदगी हो। विपक्ष ने सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया। कृषि मामलों पर राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री शरद पवार ने...
More »प्रति व्यक्ति चावल उत्पादन 453.65 ग्राम
भुवनेश्वर। राज्य में प्रति व्यक्ति चावल उत्पादन 2008-09 में 453.65 ग्राम रहा जबकि इसी साल केंद्र में प्रति व्यक्ति उत्पादन 176.4 ग्राम से काफी अधिक रहने की सूचना कृषि मंत्री ड.दामोदर राउत ने दी है। विधानसभा में आज प्रश्नोत्तर काल के दौरान विधायक आदिकंद सेठी के मूल प्रश्न और नृसिंह साहू, अरविन्द दास, प्रफुल्ल मलिक, संजीव कुमार साहू के अतिरिक्त प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री श्री राउत...
More »हरियाणा-उप्र सीमा पर तनातनी
करनाल। हरियाणा व उत्तार प्रदेश के किसानों के बीच जमीन पर कब्जे के लिए एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। हथियारों से लैस उप्र के किसानों ने बुधवार को यहां के किसानों की फसल नष्ट कर दी। बुधवार को उत्तार प्रदेश के किसानों ने यहां के किसानों के गन्ने, धान की पनीरी व खाली जमीन पर ट्रैक्टर चला दिया। हरियाणा के किसानों ने उप्र के किसानों पर...
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