SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 115

सरकार! बीमार पड़े हैं आपके अस्पताल....

शशिकांत तिवारी, भोपाल। तंगहाली ने बीते दो माह से सरकारी अस्पतालों की सेहत बिगाड़ी दी है। हालात यह हैं कि राजधानी के हमीदिया जैसे बड़े अस्पताल में जीवनरक्षक उपकरणों में सबसे अहम वेंटीलेटर खराब पड़े हैं। अस्पताल प्रबंधन के पास उन्हें सुधारवाने के लिए पैसा नहीं है। बीते एक सप्ताह से हृदयरोगियों की एंजियोग्राफी भी नहीं हो पा रही है, क्योंकि कैथेटर और डाई खरीदने के लिए पैसे नहीं है। मरीजों...

More »

मनरेगा मजदूरों को भुगतान नहीं, छाया रहा मुद्दा

बिलासपुर(निप्र)। जिला पंचायत के पास मनरेगा के मजदूरों को देने के लिए फंड ही नहीं है। मजदूर पिछले कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर सामान्य सभा की बैठक में चर्चा हुई। इसके अलावा अन्य कई मुद्दों पर एजेंडावार चर्चा और समीक्षा की गई। सोमवार दोपहर एक बजे से जिला पंचायत सभा कक्ष में अध्यक्ष दीपक साहू की अध्यक्षता में सामान्य सभा और सामान्य प्रशासन समिति की...

More »

पुलिस लाइन में सोते हुए सिपाही की ठंड से मौत

पुलिस लाइन में बनी बैरक के बरामदे में सो रहे सिपाही की मौत हो गई। साथी पुलिसकर्मियों ने उनके सोने के लिए व्यवस्था दुरुस्त न होने का आरोप लगाया और सिपाही की मौत ठंड से होने की बात कही। जेपीनगर जिले की मंडी धनौरा तहसील के गांव कमेलपुर निवासी कपिल देव यादव (43) यहां सिपाही के पद पर तैनात था, जिसका ट्रांसफर करीब चार साल पहले सहारनपुर हुआ था। पहले वह पत्नी...

More »

दो रुपए की बचत ने छीन ली 43 लोगों की आंख की रोशनी

संदीप चंसौरिया/शशिकांत तिवारी, भोपाल। बड़वानी में जिस संक्रमित आईवी फ्लूड के कारण 43 लोगों की एक आंख की रोशनी चली गई, वह बीएफएस (ब्लो फिल्ड शील्ड) प्लास्टिक की बॉटल में भरा होता है। इस बॉटल की कीमत आठ रुपए है, जबकि इससे महज 2 रुपए महंगी 10 रुपए की एफएफएस (फॉर्म फिल्ड शील्ड) में भरे आईवी फ्लूड के संक्रमिक होने का खतरा कई गुना कम हो जाता है। बड़वानी घटना की...

More »

लेखकों के विरोधी तेवर अच्छी बात - मृणाल पांडे

राजनीति और राजकाज पर दलगत राजनीति से बाहर कई अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में भी गंभीरता से विचार किया जाता है। शासन उदार और संवेदनशील हो तो राजनीति के बाहर से आ रही प्रतिरोध की आवाज को सादर सुनकर राजनीति में संशोधन किए जाते हैं। पर यदि शासक आलोचना को राजद्रोह मानने पर उतारू हो जाए तो छुटभैये मुसाहबों द्वारा साहित्यिक, अकादमिक या स्वैच्छिक संगठनों से जुड़े आलोचकों को अपमानित करने से...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close