ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) बीमारी से निजात पाने के लिए करीब चार दशक से कोई नई दवा बाजार में नहीं आई है। इससे न सिर्फ मरीजों की परेशानी, बल्कि चिकित्सकों की चुनौती भी बढ़ गई है। बीमारी को लेकर चल रहे शोधों को देखते हुए चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने तीन से चार वर्ष में टीबी की नई असरकारक दवा बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद जताई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के...
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नीति व सुविधा के बिना गहरा रहा एड्स का खतरा- राहुल सिंह
रांची के इटकी प्रखंड इलाके के एक गांव की 60 वर्षीया महिला टीबी से ग्रस्त हैं. दुर्भाग्य से इस महिला को एचआइवी एड्स भी है. पिछले दिनों तबीयत काफी बिगड़ने के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में इलाज के लिए भरती कराया गया. हालांकि वे फिलहाल ठीक हैं और टीबी और एचआइवी का उनका इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य कर्मी उनके नियमित संपर्क में रहते हैं और अपने क्षेत्र भ्रमण...
More »महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
More »टीबी के सर्वाधिक मरीज भारत में
नयी दिल्ली : सरकार ने आज स्वीकार किया कि विश्व भर में सर्वाधिक तपेदिक रोगी भारत में है और इस रोग के कारण प्रति वर्ष लगभग तीन लाख लोगों की मौत होती है. लोकसभा में पी करुणाकरन के एक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अबू हसम खान चौधरी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार 2009 में 20 लाख नये तपेदिक रोगियों का पता...
More »झारखंड में आज भी सपना है बेहतर इलाज
रांची से 32 किमी दूर रांची-पुरुलिया रोड से एक किमी बायें हटकर पहाड़ी की तलहटी में बसा चमघटी पाहनटोली गांव अपनी खूबसूरत भौगोलिक स्थिति व भरपूर हरियाली के कारण लोगों का मन मोह लेता है. पर इस गांव के लोगों की बदहाल जिंदगी व उनका दुख दिल को झकझोर देता है. 31 अगस्त को रांची के अनगड़ा प्रखंड के इस गांव की बीमार आदिवासी महिला लीलावती देवी की मिरगी या...
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