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न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी सरकार

नई दिल्ली। सरकार न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी और इसे पूरे देश में अनिवार्य बनाएगी। इसका मकसद वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना और नई नौकरियां पैदा करना है। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उद्योग संगठन सीआईआई की ओर से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा, "हम देशभर में न्यूनतम मजदूरी के लिए एक कानून बनाएंगे। मौजूदा कानून के विपरीत...

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आंदोलित: एटक समर्थित परिवहन संगठनों ने किया एलान, सड़क पर उतरेंगे श्रमिक

कोलकाता. केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों और प्रस्तावित सड़क परिवहन व सड़क सुरक्षा विधेयक के खिलाफ एटक समर्थित परिवहन संगठनों ने सड़क पर उतरने का एलान किया है. इन संगठनों ने 25 अगस्त को जुलूस निकालने की घोषणा की है. जुलूस अपह्रान तीन बजे सियालदह स्थित बिग बाजार के पास से रवाना होगा और सुबोध मल्लिक स्क्वायर तक जायेगा. जुलूस में एटक समर्थित टैक्सी संगठन कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन,...

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नारेबाजी तक सीमित रह गए नारे - गोपालकृष्‍ण गांधी

इधर चेन्नई में कुछ दिनों पहले योगेंद्र यादव को सुनने का सुयोग मिला। एक स्कूल में बोल रहे थे। सुनने वालों में छात्र-छात्राओं के अलावा कई 'बड़े" भी थे, बुजुर्ग भी। हर उम्र के लोगों के लिए उनकी तकरीर वाजिब और अनुकूल थी। योगेंद्र बहुत ही रुचिकर मुद्दे पर बोल रहे थे - इंकलाब पर दोबारा सोच या क्रांति पर पुनर्विचार। उन्होंने कहा कि वे पुणे से आ रहे हैं,...

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न्यूनतम सरकार अधिकतम शोषण- के सी त्यागी

श्रमिकों के शोषण का लंबा इतिहास रहा है। इसके विरुद्ध श्रमिकों ने समय-समय पर आवाज उठाई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रम कानून बने। मजदूर संगठित हुए, उन्हें अधिकार मिले, स्वतंत्रता मिली, सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा। इसका असर हमने भारत में भी देखा। लेकिन नई औद्योगिक नीति और उदारीकरण का दौर परवान चढ़ने के साथ ही श्रमिक फिर शोषण का शिकार हुए। उनका सामाजिक दायरा घटा, अधिकार सिकुड़ते चले गए। इसी...

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'एक बड़े पत्रकार, एक सच्चे मानवतावादी'-- अमित सेनगुप्ता

क़रीब दो हफ़्ते पहले की बात है, प्रफुल्ल बिदवई मछली खाना चाहते थे. उन्हें पता था कि मेरे पड़ोस में बंगाली खाने का कारोबार करने वाले सागर चटर्जी मेरे दोस्त हैं. चटर्जी ने साइकिल पर अपने कारोबार की शुरुआत की थी. सागर और उनकी पत्नी स्वादिष्ट पूर्वी बंगाली व्यंजन बनाते हैं. मैंने प्रफुल्ल को फ़ोन करके यहाँ खाने का न्योता दिया. उन्होंने बताया कि वो 'भारतीय वामपंथ की चुनौतियाँ' विषय पर अपनी...

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