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गुजरात में कोविड-19 मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी, कम गिनती कर सरकार की विफलता पर पर्दा डालने का प्रयास

-कारवां,  15 अप्रैल की देर शाम तक गुजरात के सूरत शहर के सबसे बड़े श्मशान अश्विनी कुमार श्मशान घाट में कोविड-19 रोगियों के 140 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. उसी दिन गुजरात सरकार ने बताया कि राज्य में केवल 41 कोविड-19 रोगियों की मौत हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक 25 मौतें सूरत में हुईं. श्मशान की रजिस्ट्री का प्रबंध करने वाले कर्मचारी ने मुझे बताया, ''हर दिन औसतन...

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गोरखपुर के गांवों में फैली महामारी, घरों में ही मर रहे बड़ी संख्या में लोग

-न्यूजलॉन्ड्री, 43 वर्षीय राजीव नयन सिंह अपने दो बच्चों के साथ बासूडीहा में रहते हैं. तीन दिन पहले उनकी पत्नी वंदना सिंह का निधन हो गया. राजीव और उनकी पत्नी कोविड पॉजिटिव थे. राजीव और उनकी पत्नी का टेस्ट काफी देर से हुआ. इसकी वजह राजीव हमें बताते हैं, “टेस्टिंग केंद्र कौड़ीराम में बना है. उनके गांव में ऐसी कोई सुविधा नहीं है.” राजीव की रिपोर्ट 22 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी....

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मोदी के प्रति हमारी अंधभक्ति से विकराल हुआ कोविड संकट

-कारवां, फिलहाल भारत एक जीता-जागता नरक बना हुआ है. हर दिन यह कोविड मामलों का नया रिकॉर्ड बना रहा है. 25 अप्रैल को भारत में 352951 नए कोविड के मामले सामने आए थे और 2812 लोगों की मौत हुई थी. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीज मर रहे हैं. 21 अप्रैल को महाराष्ट्र के नासिक के एक अस्पताल में तकरीबन 24 मरीज ऑक्सीजन की कमी से मर गए और उसके दो...

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ऑक्सीजन संकट: आग लगने पर कुआं खोद रही हैं हमारी सरकारें

-न्यूजक्लिक, "अगर कोई, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन के किसी अधिकारी ने ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट डाली तो उसे फांसी पर चढ़ा देंगे।" नाराजगी भरे यह शब्द किसी व्यक्ति नेता और अफसर के नहीं है। बल्कि इंसाफ का फैसला सुनाने वाले अदालतों में से एक दिल्ली उच्च न्यायालय के हैं। जिनसे अपेक्षा की जाती है कि वह अगर कोई कड़वी बात भी कहेंगे तो थोड़ा उसे सलीके से...

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कोविड, लाचारी की मौत और बुलडोज़र

-न्यूजलॉन्ड्री, 18 अप्रैल की शाम के तकरीबन साढ़े पांच बज रहे थे, हैदराबाद के पास जगनगुडा गांव में 26 साल के प्रदीप मधासु बेबस अपनी मां की लाश को एक जेसीबी मशीन के मिट्ठी ढोने वाले हिस्से में रखे जाता देख रहे थे और बेतहाशा रो रहे थे. वह रोते हुए लाचारी से बस अम्मा-अम्मा पुकार रहे थे. अपने किसी प्रियजन के पार्थिव शरीर को इस तरह से ले जाने का...

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