जनसत्ता 29 जनवरी, 2013: सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा गठित समिति का उद्देश्य था आपराधिक कानूनों और अन्य प्रासंगिक कानूनों में ऐसे संभव संशोधन सुझाना ताकि ‘महिलाओं पर चरम यौन हमलों के मामलों में तेजी से फैसला हो सके और मुजरिमों को कहीं ज्यादा सजा दिलाई जा सके।’ अभी इस समिति को बने ज्यादा समय नहीं हुआ कि बलात्कार की अन्य हालिया घटनाओं...
More »SEARCH RESULT
सेहत का बीमा या मुनाफे का- अरविन्द कुमार सेन
जनसत्ता 24 दिसंबर, 2012: राजीव गांधी एक मर्तबा राजस्थान के दौरे पर गए थे और अपनी सभा खत्म होने के बाद पंडाल से निकलते समय स्थानीय लोगों से उनकी दिक्कतों के बारे में पूछ रहे थे। कुछ किसानों ने कहा कि साहब पिछले साल हरी मिर्च के दाम आसमान पर चल रहे थे तो नफे की आस में हम लोगों ने इस बार पूरे खेत में मिर्च बोई थी। हरी मिर्च...
More »समानता के पहरुए- अरुण माहेश्वरी
जनसत्ता 2 नवंबर, 2012: नवउदारवाद के लगभग चौथाई सदी के अनुभवों के बाद मुख्यधारा के राजनीतिक अर्थशास्त्र को बुद्ध के अभिनिष्क्रमण के ठीक पहले ‘दुख है’ के अभिज्ञान की तरह अब यह पता चला है कि दुनिया में ‘गैर-बराबरी है’, और इससे निपटे बिना मुक्ति, यानी आर्थिक-संकटों की लहरों में डूबने से बचने का रास्ता नहीं है। ‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका के ताजा अंक (13-19 अक्तूबर) में विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में उन्नीस...
More »खुदरा कारोबार के मिथक- सुभाष गताडे
जनसत्ता 4 अक्टुबर, 2012: भारत सरकार का दावा है कि खुदरा कारोबार में विदेशी पूंजीनिवेश की राह खोलने से छह सौ अरब डॉलर तक पूंजी यहां पहुंचेगी। दूसरी तरफ के आलोचक इस तरह का अनुमान पेश कर रहे हैं कि वालमार्ट और उस जैसीकंपनियों के आने से कितने लाख लोग बेरोजगार होंगे, आदि। लगता है दोनों पक्षों की तरफ से छवि की लड़ाई चल रही है। कुल खुदरा कारोबार में आज...
More »झटका उपचार का नया दौर- आनंद प्रधान
जनसत्ता 19 सितंबर, 2012: यूपीए सरकार ने एक झटके में ताबड़तोड़ डीजल-रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से लेकर अर्थव्यवस्था के संवेदनशील क्षेत्रों को विदेशी पूंजी के लिए खोलने और सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों के विनिवेश जैसे कई बड़े और विवादास्पद फैसलों का एलान करके संकट में फंसी अर्थव्यवस्था पर ‘झटका उपचार’ (शॉक थेरेपी) को आजमाने की कोशिश की है। यह उपचार भारत में कोई पहली बार नहीं आजमाया जा रहा...
More »