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'लिकेज रोकने में पंचायतों की हो सकती है अहम भूमिका' - डा. हरिश्वर दयाल

अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी आवाज जितनी तेज होगी, उसे उतना पहले हक...

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गांव के वोट से तय होती है हार या जीत

झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से तीन लोकसभा सीटें ही ऐसी हैं, जिन्हें शहरी या अर्धशहरी प्रकृति की लोकसभा सीटें कह सकते हैं. ये हैं : धनबाद, रांची, जमशेदपुर. धनबाद लोकसभा क्षेत्र के अंदर शहरी व अर्ध शहरी बसावटें हैं. जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के विस्तार क्षेत्र में फैले विभिन्न प्रकार के उद्योगों के कारण भी वहां काफी शहरीकरण हुआ है. उसी तरह रांची लोकसभा क्षेत्र में राज्य की राजधानी होने...

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पार्टी की राजनीति ने गांव की एकता को तोड़ दिया है : राधा भट्ट

गांधी और उनके ग्राम स्वराज के सपने पर नयी दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष और प्रसिद्ध गांधीवादी राधा भट्ट्र से  पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह ने बातचीत की. प्रस्तुत है  प्रमुख अंश : अक्सर इस बात पर चर्चा होती है कि भारत गांवों का देश है,  देश की प्रगति तभी संभव होगी जब गांवों की प्रगति होगी? लेकिन वास्तविकता के धरातल पर इस चर्चा को कितनी जगह मिल पायी...

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लोकतंत्र की असली ताकत चुनाव में

लोकतंत्र की असली ताकत चुनाव में है. यह चुनाव उन सभी संस्थानों के लिए अपनी अहमियत रखता है, जहां जनता के अधिकार और हित निहित है. संघ-संगठनों का लोकतांत्रिक स्वरूप इसी बात में है कि वहां एक निश्चित प्रक्रिया के तहत निश्चित समय पर चुनाव होता है. देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था हमारी संसद है और राज्य की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था विधानमंडल. 73वें और 74वें संविधान संशोधन के...

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सशक्त राज्य में अशक्त स्त्री- विकास नारायण राय

जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन  अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...

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