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मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनता झारखंड, खुद कर रहा 1.04 लाख टन मछली का उत्पादन

प्रभात खबर,रांची: जल की रानी मछली अब झारखंड के लोगों की जिंदगानी बन रही है. पालने, खाने-खिलाने व बेचने की पसंदीदा चीज. सरकारी आंकड़े के अनुसार राज्य के करीब 60-65 फीसदी लोग मछली या इसके उत्पाद का सेवन करते हैं. मछली का उत्पादन झारखंड में लगातार बढ़ रहा है. यह सरकार व मत्स्य किसानों के मिले-जुले प्रयास का परिणाम है. अभी मछली की घरेलू जरूरत प्रति वर्ष 1.40 लाख टन है,...

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हनुमानजी के नाम से भी बन गया आधार कार्ड..

सीकर. हनुमानजी के नाम से भी आधार कार्ड जारी हो चुका है। कार्ड पर उनकी तस्वीर छपी है। पिता के नाम के आगे ‘पवनजी' लिखा है। भगवान के नाम कार्ड बना सो बना, अब परेशानी डाकिए की है। वह तीन दिन से सोच रहा है कि इस कार्ड को कहां डिलिवर करे। मामला राजस्थान के सीकर जिले का है। दांतारामगढ़ कस्बे के पोस्ट ऑफिस में तीन दिन पहले यह आधार...

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डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य

बीते 20 अगस्त को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में महत्वाकांक्षी ‘डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी. सरकार ने कहा है कि यह कार्यक्रम भारत को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए निर्धारित किया गया है. डिजिटल इंडिया की प्रकृति रूपांतरकारी है व इससे सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हों. आज के नॉलेज में पेश है...

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मनरेगा में खत्म करें बिचौलियों की भूमिका : हेमंत

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में मनरेगा में मस्टर रोल बनाने से लेकर मजदूरी के भुगतान में काफी दिक्कतें हैं. सरकार का प्रयास होना चाहिए कि मनरेगा मजदूरों का समय पर भुगतान हो और इसकी प्रक्रिया सरल की जाये. मनरेगा और वृद्धावस्था पेंशन के भुगतान में बिचौलियों की भूमिका कम करने की भी जरूरत है. रोजगार सेवकों की भूमिका भी सीमित की जाये. खेतिहर मजदूरों को किसान...

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त्वरित और सस्ता न्याय पाने की सुविधा

मित्रों, अदालत, मुकदमा और पुलिस को लेकर अनेक कहावतें और लोकोक्तियां प्रचलित हैं. इन सभी कहवतों और लोकोक्तियों में इन्हें तबाही और परेशानी का सबब बताया गया है, जबकि अगर पुलिस, अदालतें और मुकदमे दायर करने के जनता को अधिकार न हों, तो समाज में अराजकता अपनी पराकाष्ठा पर होगी. हम सुरक्षित नहीं रह सकते. हमारे मानवीय अधिकारों की रक्षा नहीं हो सकती. हर कोई अपनी ताकत और धन की बदौलत...

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