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इनके लिए क्या: दूसरों के घर रोशन करने वालों की जिंदगी में अंधेरा

सासाराम। वैदिक काल से लेकर अब तक दीया और बाती की परंपरा को कायम रखने वाले कुम्हारों के हाथ भले ही दूसरों के घर रौशन कर दे, मगर उनकी जिंदगी तंगहाली की चाक पर नाच रही है। बदलते समय में कसीदाकारी में दक्ष हाथों की लकीरों को ऐसी धुंधली कर दी है कि अब इनके लिए दो जून का रोटी भी भारी पड़ने लगा है। महंगी होती केरोसिन तेल के कारण मोमबत्ती...

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'देसां म्हं देस हरियाणा-जित दूध दही का खाणा'

धारूहेड़ा.  मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में इस समय दूध उत्पादन की वृद्धि दर 5 प्रतिशत है और हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 9 प्रतिशत करने का है। हुड्डा बुधवार को धारूहेड़ा में अमूल मोतीसागर डेयरी के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा...

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विस्थापन का विकास- भारत डोगरा

हमारे देश में विकास के मौजूदा दौर में विस्थापन की समस्या बहुत विकट हो गई है।  एक ओर पहले हुए विस्थापन से त्रस्त लोगों को अभी न्याय नहीं मिल पाया है, तो दूसरी ओर उससे भी बड़े पैमाने पर किसान और विशेषकर आदिवासी किसान नए सिरे से विस्थापित हो रहे हैं। हाल ही में जन सत्याग्रह संवाद के कार्यक्रम के अंतर्गत देश के लगभग साढ़े तीन सौ जिलों में भूमि संबंधी...

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सपनों को पंख लगाता अखिलेश यादव का हजार- आशीष राय की रिपोर्ट

लखनऊ. किसी के लिए ब्यूटी पार्लर तो किसी के लिए बच्चे की साइकिल, कोई अपने इन पैसों को साल भर इक्कठा कर एक छोटी सी दुकान खोलना चाहता है। कोई अपनी बेटी की फ़ीस भरने का जुगाड़ बना रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा एक हज़ार का बेरोज़गारी भत्ता बांटा गया। कई बेरोज़गारों की आंखों में हज़ारों सपने दे गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ‘बेरोजगारी भत्ता’ के वितरण की...

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सहजीवन का नीड़- प्रियंका दुबे( तहलका)

ध्य प्रदेश के ग्वालियर में बना विवेकानंद नीड़म बताता है कि जीवन और प्रकृति के बीच सामंजस्य कितना सुंदर हो सकता है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उम्मीद का रंग शायद हरा होता होगा. सूखती नदियों और लगातार दूषित हो रहे पर्यावरण की चिंताओं वाले दौर में विवेकानंद नीड़म को देखकर पहला ख्याल यही आता है. चंबल के सूखे बीहड़ों में बने इस हरे भरे 'आश्रम' को सहजीवन की उस धारणा...

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