SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 261

लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक

-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...

More »

किसान आंदोलनः भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह जिन्होंने छेड़ा था पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन

-बीबीसी, अपने लेख 'स्वाधीनता संग्राम में पंजाब का पहला उभार' में भगत सिंह ने लिखा है - जो युवक लोकमान्य के प्रति विशेष रूप से आकर्षित हुए थे, उनमें कुछ पंजाबी नौजवान भी थे. ऐसे ही दो पंजाबी जवान किशन सिंह और मेरे आदरणीय चाचा सरदार अजीत सिंह जी थे. अजीत सिंह का जन्म 23 फरवरी 1881 को ज़िला जालंधर के खटकड़ कलां गाँव में हुआ, भगत सिंह के पिता किशन सिंह...

More »

निजीकरण के लिए बैंक ऑफ इंडिया जैसे चार बैंकों का चयन: रिपोर्ट

-द वायर, केंद्र सरकार ने मध्यम आकार के सरकार संचालित चार बैंकों का निजीकरण करने के लिए चयन किया है. तीन सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सरकार की भारी-भरकम हिस्सेदारी वाले इन बैंकों में सैंकड़ों-हजारों कर्मचारी काम करते हैं और बैंकिंग सेक्टर...

More »

कार्यकारी (और) संपादक

-द कारवां, जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता से बाहर हो गए हैं और जो बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे, अनंत गोयनका ने एक ट्वीट किया : मैं आशा करता हूं कि बाइडन की जीत के बाद अमेरिकी समाचार मीडिया अपने पक्षपातपूर्ण तरीके के बारे में आत्मावलोकन करेगा. वह केवल अपने प्रति वफादारों और ईको-कक्ष समुदाय के पाठकों के बजाय अवश्य ही सकल आबादी के विचारों का...

More »

बादशाह के बरक्स किसानों की ताकत का सच गरिमा के साथ स्वीकारने का विवेक क्या शेष है?

-जनपथ, उसे हर उस चीज का बादशाह माना जाता था जिस पर उसकी नज़र जाती थी. सो उस सर्वशक्तिमान बादशाह केन्यूट [994-1035] ने उमड़ती आ रही लहरों को हुक्म दिया कि वे पीछे लौट जाएं और उसके राजसी चरणों और लिबास को गीला न करें. लेकिन बादशाह की दैविक शक्ति के बावजूद समुद्र की लहरों ने उसका हुक्म नहीं माना. मारे शर्मिंदगी के बादशाह के दरबारियों के सर झुके के झुके...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close