डाउन टू अर्थ, 01 मई इस बार का ग्रीष्मकालीन मौसम अपने अलग-अलग तरह के रंग दिखा रहा है। जहां कुछ दिनों तक पारा हर दिन छलांग लगा रहा था लोगों को लू का प्रकोप झेलना पड़ रहा था, वहीं अब देश के अधिकतर हिस्सों में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश, ओलावृष्टि देखने को मिल रही है। मौसम विभाग ने इस रंग बदलते मौसम के पीछे कुछ हद तक पश्चिमी विक्षोभ को...
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गुजरात में ‘अतिरिक्त’ राशन कार्ड रद्द करने से सबसे अधिक आदिवासी प्रभावित होंगे: रिपोर्ट
द वायर , 5 अप्रैल गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के बिना उठाया गया था. ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित...
More »केरल: कोच्चि में 11 दिनों से कचरे की आग से निकल रहा ज़हरीला धुआं, लोगों का प्रदर्शन
द वायर, 13 मार्च कोच्चि के ब्रह्मपुरम में कचरे में 11 दिन पहले लगना शुरू हुई आग से रविवार को कोच्चि शहर जहरीले धुएं से भर गया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जहरीले धुएं से प्रभावित लोगों को अब सुरक्षित क्षेत्रों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. रविवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर था. कई निवासियों के संघों ने बताया कि बड़ी...
More »बिहार में बाढ़ और बढ़ती हिंसा झेल रही हैं महिलाएं
द थर्ड पोल , 10 मार्च अगस्त 2017 में, बिहार में, आई विनाशकारी बाढ़ के बाद, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उस समय, राज्य का लगभग 3,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पानी में डूबा हुआ था। बाढ़ प्रभावित यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आकार से दोगुना था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस आपदा ने 815 लोगों की जान ले ली और लगभग 900,000...
More »पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य
पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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