वैज्ञानिक ज्ञान ने भयानक कोरोनावायरस और इसके प्रसार से निपटने में बहुत मदद की है. रिकॉर्ड कम समय के भीतर, वैज्ञानिकों (वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, बायोस्टैटिस्टियन, आदि सहित) और उनके शोध परिणामों ने आम लोगों को यह जानने में मदद की कि SARS-CoV-2 क्या है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है. आम लोगों को अब यह पता चल गया है कि कैसे सरल तकनीक और व्यवहार में...
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केंद्र ने कारवां के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने से संबंधित आरटीआई खारिज
-कारवां, इस साल जनवरी में कारवां के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश के बारे में मंत्रालय से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी. मंत्रालय ने इसे देने से इनकार किया है. मंत्रालय ने सार्वजनिक डोमेन पर सूचना जारी करने पर भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरे का हवाला दिया है. मंत्रालय के पहले अपीलीय प्राधिकारी ने सूचना ब्लॉक...
More »समय से पहले हो सकती ब्लैक कार्बन की वजह से मृत्यु, शोध में आया सामने
-डाउन टू अर्थ, हाल ही में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि ब्लैक कार्बन की वजह से समय से पहले मृत्यु हो सकती है। यही नहीं, ब्लैक कार्बन का इंसान के स्वास्थ्य पर अनुमान से कहीं ज्यादा बुरा असर पड़ता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अध्ययन भविष्य में वायु प्रदूषकों और उससे जुड़े मृत्युदर के बुझ का अधिक सटीक...
More »खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से गरीब और प्रवासी मजदूरों को बचाने की अनकही चुनौती!
30 मई, 2021 को राष्ट्र के नाम अपने मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य की सराहना की कि किसानों को रबी उत्पादन से संबंधित "सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक" प्राप्त हुआ. पीएम के इस बयान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा (और अन्य जगहों) में सरसों उत्पादकों ने बेहतर कीमत पाने के लिए एपीएमसी मंडियों (राज्य...
More »IFPRI रिपोर्ट: सरकार को महामारी के दौरान पोषण सहायता, शिक्षा और नौकरियों के मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए!
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 को किए गए देशव्यापी लॉकडाउन, जिसे लगभग दो महीने के लिए चरणों में बढ़ाया गया था, ने भारतीय आबादी के कमजोर वर्गों के भोजन और पोषण की स्थिति को प्रभावित किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-डे मील योजना जैसे कार्यक्रम से देश के प्राथमिक-विद्यालय आयु वर्ग के 80 प्रतिशत...
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