भारतीय शहरों का ज़िक्र हो और सड़कों की बात चले तो ध्यान आती हैं टूटी-बदहाल सड़कें और बड़े-बड़े गड्ढे. ये सड़कें न सिर्फ ज़िंदगी की रफ्तार धीमी करती हैं बल्कि शहरों और कस्बों की खूबसूरती में पैबंद की तरह खटकती हैं. लेकिन भारत का एक शहर ऐसा भी है जहां एक शख्स ने कूड़े-कचरे और बेकार प्लास्टिक से सड़कें बनाने की नायाब पहल की. पेश है इस अनोखी कोशिश से जुड़ी सिटीज़न रिपोर्टर...
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मनरेगा से आएगी हरियाली
पटना। पर्यावरण के बढ़ते असंतुलन और ग्लोबल वार्मिग के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकार अब मनरेगा का सहारा लेगी। इसके तहत मनरेगा योजना में प्रत्येक 200 पौधों की सुरक्षा की जिम्मेवारी एक मजदूर को दी जाएगी और इसके बदले उन्हें लगातार पांच वषार्ंे तक 100 दिनों का रोजगार दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को पटना में यह घोषणा की। मोदी ने राज्य में पहली बार वन नीति बनाए...
More »सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट दिलाएगा कचरे से मुक्ति
रांची. राजधानी को कचरामुक्त करने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन सिस्टम लागू किया जाएगा। यह कार्य जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय रिन्युअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत होगा। रांची नगर निगम ने कचरा प्रबंधन सिस्टम प्लांट लगाने के लिए ए टू जेड इंफ्रास्ट्रक्चर लि., गुडग़ांव का चयन किया है। इसके लिए झिरी में जमीन भी दी गई है। इस योजना में लगभग 51.39 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अप्रैल माह से इस योजना पर कार्य...
More »प्लास्टिक कचरे से मुक्ति का फायदेमंद विकल्प
भोपाल। खतरनाक प्लास्टिक कचरे से मुक्ति के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी में अनूठा अभियान छेड़ा गया है। राज्य के सात सीमेंट कारखानों की भंिट्टयां इन दिनों भोपाल नगर निगम द्वारा भेजी गई प्लास्टिक की थैलियों से धधक रही हैं। प्लास्टिक थैलियों से निकलने वाली ऊष्मा कोयले से कहीं अधिक होती है, इसलिए उन्हें जलाना कारखानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है। इन प्लास्टिक थैलियों को 1400 डिग्री सेल्सियस से अधिक...
More »पढऩे की इच्छा, काम की मजबूरी
हाथ में कापी, पुस्तक, पेन, कलम की जगह बच्चों को बोझ उठाना पड़ रहा है। गरीब घर के बच्चे बचपन से ही घर खर्च में माता-पिता की मदद करने पढ़ाई छोड़कर कार्य करने मजबूर हैं। शासन ने बालश्रम कानून बनाया है जिसमें १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चे मजदूरी नहीं कर सकते, लेकिन परिवार की आर्थिक पेरशानी को देखकर पेट पालने के उद्देश्य से आज छोटे-छोटे बच्चे भी मजदूरी कर रहे हैं। गरीब...
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