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जलवायु परिवर्तन: ऑस्ट्रेलिया में दावानल और एशिया में टिड्डियों का हमला

पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में भीषण दावानल में जमीन झुलस गई. लोग और वन्यजीव मर गए. मकान जल कर राख हो गए. इस दावानल की तीव्रता और फैलाव से बिल्कुल साफ है कि इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से है. दुनिया के इस हिस्से में हालांकि जंगल में आग लगना आम घटना है, लेकिन इन दावानलों की वजह गर्मी का बढ़ना था, जिस कारण भूगर्भ सूख गया और यह क्षेत्र विस्फोटक स्थिति...

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बेमौसम बारिश से आलू और सरसों को नुकसान की आशंका, गेहूं को फायदा

बेमौसम बरसात सरसों और आलू की फसलों के लिए आफत बनकर आई है, क्योंकि सरसों में जहां इस बारिश से सफेद रतुआ की बीमारी का प्रकोप बढ़ने की संभावना है, वहीं खेतों में पानी भरने से आलू की फसल को नुकसान हो सकता है। गेहूं की फसल को इस बारिश से फायदा होगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ से होने वाली इस बारिश...

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जलवायु परिवर्तन से बिहार में खेती के बुरे दिन

ग्लोबल वार्मिंग में कोई ख़ास योगदान ना होने के बावजूद, बिहार को जलवायु परिवर्तन के अंजाम भुगतने पड़ रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का सबसे ज़्यादा असर बिहार में खेती पर पड़ा है। बेमौसम बरसात, मॉनसून की बारिश का लगातार कम होना और तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी ने बिहार की खेती की तस्वीर बदल कर रख दी है। कभी फ़ायदे का सौदा कही जाने वाली खेती में अब नुकसान के अलावा...

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बेमौसमी बारिश से हुई धान खराब, गेहूं की बुआई में देरी

पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिले में हुई बारिश की वजह से किसानों की धान की फसल चौपट हो गई है। खेतों में बारिश का पानी भरने से कटाई कर रखी गई धान की फसल खराब हो रही है। कुछ जगह पर कटाई नहीं होने से खेत में ही फसल लेट गई है। प्रदेश के वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, भदोही में बारिश ने धान की खेती को भारी नुकसान पहुंचाया...

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दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद

2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...

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