आरबीआई और सरकार के बीच कई आर्थिक मुद्दों पर मतभेद 2018 के आर्थिक जगत में छाए रहे। इसका गंभीर असर 10 दिसंबर को देखने को मिला, जब गवर्नर पद से उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया और नोटबंदी के प्रबल समर्थक और पूर्व वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने कमान संभाली। केंद्र और आरबीआई में मतभेदों की शुरुआत जनवरी में हो गई जब पीएनबी घोटाला सामने आया। रिजर्व बैंक पर आऱोप लगा...
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सरकार-रिजर्व बैंक की रस्साकशी - विवेक कौल
भारतीय रिजर्व बैंकऔर भारत सरकार के बीच चल रही रस्साकशी धीरे-धीरे बाहर आ रही है। सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच थोड़ा-बहुत टकराव सिस्टम के लिए अच्छा होता है। मसलन, हर सरकार यह चाहती है कि ब्याज दरें कम से कम हों क्योंकि कम ब्याज दरों पर लोग जमकर कर्ज लेंगे और इससे अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी, लेकिन सरकारें यह जरूरी बात या तो भूल जाती हैं या फिर उसकी...
More »अंधाधुंध कर्ज वितरण रोकने में विफल रहा रिजर्व बैंकः जेटली
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2008 से लेकर 2014 के बीच अंधाधुंध कर्ज देने वाले बैंकों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने को लेकर रिजर्व बैंक की आलोचना की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इससे बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए) का संकट बढ़ा है। जेटली ने आरबीआई की आलोचना ऐसे समय की है, जब केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच तनाव बढ़ने...
More »अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एकीकरण होगा शुरू, संख्या घटकर रह जायेगी 36
नयी दिल्ली : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के एकीकरण की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रही है. सरकार का इरादा आरआरबी की संख्या को मौजूदा 56 से घटाकर 36 करने का है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बारे में केंद्र ने राज्यों के साथ विचार विमर्श शुरू कर दिया है क्योंकि देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के...
More »मंदी के सबक और भविष्य के अंदेशे-- मोंटेक सिंह अहलूवालिया
लेहमन ब्रदर्स के पतन की 10वीं वर्षगांठ पर उम्मीद के मुताबिक विचारों की बाढ़ दिखी है। गुणा-भाग इन सवालों पर हो रहे हैं कि इस संकट की वजह क्या थी? क्या बेहतर तरीके से इससे निपटा गया, और हमने इससे किस तरह के सबक सीखे? ज्यादातर लेखों की बुनियाद समान है, सिवाय एक को छोड़कर, जो पूरी तरह मूल विचार लग रहा है। इसे पेश किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष...
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