-डाउन टू अर्थ, मुझे खबर मिली तो मैंने तत्काल जोशीमठ की एसडीएम को संपर्क किया, वह दौरे पर निकल गईं। मैंने हैलीपेड की व्यवस्था की और सुबह 10 बजे के बाद से ही हमने वायरलेस के जरिए आपदा नियंत्रण कक्ष से अधिकारियों से बातचीत और आदेशों की घोषणाएं शुरु कर दीं। 7 फरवरी, 2021 की सुबह हरिद्वार के आगे जोशीमठ तक आवाजाही बंद कर दी गई। आस-पास के जिलों में अधिकारियों...
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‘रन ऑफ दि रिवर’ जैसी फर्जी तकनीकों से लोगों को बेवकूफ बनाया जा सकता है, हिमालय को नहीं
-द प्रिंट, ‘रन ऑफ दि रिवर’ क्या होता है उससे पहले ये समझ लीजिए कि वास्तव में चमोली में हुआ क्या है? गंगा किसी एक धारा का नाम नहीं है, हिमालय की कई जलधाराएं मिलकर गंगा नदी को बनाती है. इसी तरह की एक छोटी सी धारा का नाम है ऋषिगंगा. थोड़े ऊपर की ओर मौजूद ग्लेशियर से यह धारा निकलती है. इस ग्लेशियर को नंदादेवी ग्लेशियर भी कहते हैं क्योंकि...
More »जलवायु संकट पर बात करनी होगी, वरना गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहिए
लंदन स्थित एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनक्रिश्चियन एड की एक हालिया रिपोर्ट का कहना है कि 2020 में दुनिया पर सिर्फ COVID-19 महामारी की मार ही नहीं पड़ी थी, बल्कि वास्तव में उसे जलवायु संकट के तीव्रीकरण के कारण जीवन और आजीविका के बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना भी करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में आग, चीन, भारत और जापान में बाढ़, यूरोप और अमेरिका में तूफान...
More »भारत के 75 फीसदी से ज्यादा जिलों पर मंडरा रहा है जलवायु परिवर्तन का खतरा
-न्यूजलॉन्ड्री, हाल ही में काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीइइडब्लू) द्वारा किए शोध से पता चला है कि देश में 75 फीसदी से ज्यादा जिलों पर जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है. इन जिलों में देश के करीब 63.8 करोड़ लोग बसते हैं. यह अध्ययन पिछले 50 सालों (1970-2019) के दौरान भारत में आई बाढ़, सूखा, तूफान जैसी मौसम सम्बन्धी आपदाओं के विश्लेषण पर आधारित है. इसमें आपदाओं के...
More »पेरिस समझौते के 5 साल: भारत के 75 फीसदी से ज्यादा जिलों पर मंडरा रहा है जलवायु परिवर्तन का खतरा
-डाउन टू अर्थ, हाल ही में काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीइइडब्लू) द्वारा किए शोध से पता चला है कि देश में 75 फीसदी से ज्यादा जिलों पर जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है। इन जिलों में देश के करीब 63.8 करोड़ लोग बसते हैं। यह अध्ययन पिछले 50 सालों (1970-2019) के दौरान भारत में आई बाढ़, सूखा, तूफान जैसी मौसम सम्बन्धी आपदाओं के विश्लेषण पर आधारित है। इसमें...
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