कारवां, 30 मई द्वीप की मेरी कुछ पहली तस्वीरों में एक महिला अपनी बेटी को बाढ़ वाली सड़कों से स्कूल ले जाती हुई दिखती है, जो तब मुझे पूरी तरह से अवास्तविक लगती थी. आपदा के प्रति द्वीपवासियों की प्रतिक्रिया, मेरे जैसे एक शहरवासी की कल्पना से बिल्कुल विपरीत होने के कारण, मैं चौंक गया और मुझे सुंदरबन में ग्रामीण लोगों के दैनिक जीवन में अपनाए जाने वाले तरीकों की सराहना...
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छत्तीसगढ़ः हाथियों की सिर्फ 1% आबादी के बावजूद क्यों बढ़ रहा है मानव-हाथी संघर्ष
मोंगाबे हिंदी, 24 मई छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के कुंजकन्हार गांव की रहने वाली 60 साल की गीताबाई को शायद अनुमान नहीं रहा होगा कि घर से सुबह-सुबह बाहर निकलना उनके लिए जानलेवा साबित होगा। 16 मई की सुबह जब वो घर से निकल कर खेत की ओर गईं तभी एक जंगली हाथी ने उन्हें कुचल कर मार डाला। इसी तरह 15 मई की सुबह सुरजपुर ज़िले के बगड़ा गांव के 55...
More »एनएसएसओ का सर्वे: केवल 49.8 % परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं
ग्रामीण भारत के केवल 49.8 प्रतिशत परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं। 46.7 प्रतिशत ग्रामीण परिवार खाना पकाने के लिए लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों के 6.5% परिवारों में खाना पकाने के लिए लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। अगर बात करें पीने के पानी की तो केवल 39.1 प्रतिशत परिवारों के पास ही आवास के भीतर पीने के पानी की...
More »प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं आंध्र प्रदेश की महिला किसान
इंडियास्पेंड, 3 मई एक नीम के पेड़ की छाया में अपने छोटे से एक कमरे के घर के सामने पी. मैरी अपने छह महीने के जुड़वां पोते को दुलारती हैं। जैसे ही गर्मी कम होती है और हवा चलती है, मैरी अपने पति मनोहर और सबसे छोटी बेटी श्रीलेखा के साथ पास की एक एकड़ भूमि पर चली जाती हैं। उस जमीन पर उन्होंने एक सप्ताह पहले ही केले की खेती...
More »क्यों सूखे रहते हैं सिक्किम में पानी के पाइप
द थर्ड पोल, 20 अप्रैल सुंबुक की रहने वाली बिद्या को पानी लाने के लिए रोज़ाना अपने घर से तीन किलोमीटर दूर थुलो धारा या बड़े झरने तक जाना पड़ता है। पानी लाने में उनके तीन से चार घंटे खर्च हो जाते हैं। बिद्या के पड़ोस में एक नया घर बन रहा है, उस घर को देखते हुए वह बताती हैं कि पानी लाने का काम केवल महिलाएं करती हैं। पानी की...
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