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महिला सरपंचों की कठिन राह-- ऋतु सारस्वत

हाल में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने पचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों और प्रशिक्षकों के लिए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा ‘प्रशिक्षण के बाद निर्वाचित महिला सरपंच गांव का प्रशासन पेशेवर तरीके से चलाने में सक्षम होंगी। यह खेदजनक है कि अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कई महिला प्रतिनिधि सामने नहीं आतीं और अपने पतियों को आगे कर देती हैं। इससे वे नाममात्र की...

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आंगनबाड़ियों में नहीं मिल रहा दोपहर का भोजन, कागजों में चल रही योजनाएं

रवि श्रीवास्तव, राजगढ़। जिले में पोषाहार, स्नेह सरोकार, ममता अभियान सहित सांझा चूल्हा आदि योजनाओं के जरिए कुपोषण भगाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। लेकिन कुपोषण बधाों का पीछा नहीं छोड़ रहा। महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 2 हजार 820 बच्चे अतिकुपोषित एवं 26 हजार 35 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। दोनों श्रेणियों को मिला दें तो कुल 28 हजार 855 में से 15 हजार...

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मैदानी तैयारी के बगैर सरकार ने घोषित कर दी पोषण आहार नीति

मनोज तिवारी, भोपाल। राज्य सरकार ने पूरक पोषण आहार की नई नीति तो जारी कर दी, लेकिन इसके क्रियान्वयन की अब तक तैयारी नहीं है। जिन स्व-सहायता समूहों व महिला मंडलों को ये काम सौंपा जा रहा है, वे केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की शर्त ही पूरी नहीं करते हैं। प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा समूह एवं मंडल हैं, लेकिन किसी के भी पास पोषण आहार तैयार...

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नकदी के जरिये कुपोषण से लड़ाई--- आलोक कुमार

हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकडे़ हमारा उत्साह नहीं बढ़ाते, खासकर तब, जब हम इनको भारत की आर्थिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। भारत में प्रत्येक तीसरा शिशु कुपोषित है और मातृत्व-काल की हरेक दूसरी महिला अनीमिया से ग्रसित है। और ऐसा तब है, जब हम कुपोषण से सभी मोर्चों पर लड़ रहे हैं- स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिये, स्वच्छता के...

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झाबुआ में 17 महीने की बच्ची का वजन 4.5 किलो, होना चाहिए 11 किलो

अहद खान, झाबुआ। ग्राम खेड़ा की 17 महीने की वर्षा को भर्ती जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। उसका वजन सिर्फ साढ़े 4 किलोग्राम है। वो अति कुपोषित बच्चों की श्रेणी में है। सामान्यत: इस उम्र में बच्चे का वजन 11 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए।   आश्चर्य की बात ये है कि इस उम्र तक आने तक महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले की नजर उस पर नहीं पड़ी।...

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