देश की प्राथमिक शिक्षा में सुधार हो, सरकारें इस मुद्दे पर दशकों से विचार कर रही हैं। लेकिन यह सुधार कैसे होगा, इस पर कभी ईमानदारी से नहीं सोचा गया। यही वजह है कि आजादी के अड़सठ साल बीत जाने के बाद भी सरकारी नियंत्रण वाले प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में न तो शिक्षा का स्तर सुधर पा रहा है और न ही इनमें विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाएं मिल पा...
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ठंड से प्रदेश में एक भी मौत नहीं हुई: अखिलेश
उत्तर प्रदेश के ठंड से भले ही अब तक 31 मौतें होने की बात कही जा रही हो, लेकिन खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इससे इन्कार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर कहा कि प्रदेश में ठंड से कोई मौत नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कंबल बांटने व अलाव जलवाने का काम प्राथमिकता...
More »सर्व शिक्षा अभियान के 606 करोड़ मिले, अब तक 30 फीसदी राशि ही मिली
रांची: वित्तीय वर्ष 2014-15 में सर्व शिक्षा अभियान के लिए 1937 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इसमें से अब तक करीब 30 फीसदी राशि यानी 606 करोड़ रुपये ही मिले हैं. जबकि वित्तीय वर्ष पूरा होने में लगभग साढ़े चार माह बचे हैं. राशि नहीं मिलने के कारण कई प्रमुख योजनाएं शुरू नहीं हो सकी हैं. राज्य में कक्षा एक से आठ तक लगभग 48 लाख बच्चों को नि:शुल्क...
More »मॉडल जितना सरल, उतना ही कठिन खरीदी !
बिलासपुर (निप्र)। जिला सहकारी बैंक की ओर से राज्योत्सव में धान खरीदी की प्रक्रिया को मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया गया था। इसमें मॉडल से धान खरीदी को जितना सरल बताया गया, वास्तविक में खरीदी की प्रक्रिया इससे कहीं ज्यादा कठिन है। प्रशासन 12 साल में भी समितियों की दशा सुधारने में नाकाम रही है। इसके चलते किसानों को इन समितियों में धान बेचने के लिए हर साल जूझना...
More »बच्चों की फीस के लिए पिता ने घर बेचा
सहरसा: अंगद का सपना था कि बच्चियों को पढ़ा-लिखा कर अपने पैरों पर खड़ा करें. इस दौरान जब पैसे की दिक्कत आयी तो उन्होंने पैतृक घर भी बेच डाला. बच्चियां भी पिता की अपेक्षा पर खरा उतरीं लेकिन महंगाई के इस दौड़ में अंगद का यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. घर बेचने के बाद जो पैसे आये, उससे बेटियों का नामांकन तो कराया लेकिन अब फाइनल परीक्षा...
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