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फ्रांस की क्रांति, अरब- क्रांति, खाद्य-पदार्थों की कीमतें और जलवायु-परिवर्तन

-डाउन टू अर्थ, यह साल अब खत्म होने को है। कोरोना महामारी, अपने नए ओमिक्रॉन रूप के साथ थमने का नाम नहीं ले रही है, और जलवायु परिवर्तन की पहले से मौजूद विपदा भी नए रिकॉर्ड बनाती जा रही है। ऐसे में दिसंबर की शुरुआत में ही एक नए झटके ने हम सब पर असर डाला-वह है खाद्य-पदार्थों की बढ़ती कीमतों में जलवायु-परिवर्तन की भूमिका।   कोरोना ने जिन करोड़ों लोगों को गरीबी...

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71 साल के किसान का इनोवेशन, बनाई खरपतवार हटाने वाली डिवाइस, सिर्फ 400 रुपये है कीमत

-द बेटर इंडिया, खेती करना आसान काम नहीं है और जैविक खेती तो बिल्कुल भी नहीं। कभी कम पैदावार, कभी बढ़ती लेबर कॉस्ट, तो कभी खरपतवार। ये समस्याएं कई बार इतनी बड़ी हो जाती हैं कि किसान अपने खेती के पैटर्न को बदलने के लिए मजबूर हो जाता है। सतारा (महाराष्ट्र) के चिंचनर गांव में रहनेवाले किसान अशोक जाधव को भी इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अशोक,...

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क्या फसल बीमा से भारतीय किसानों को मदद मिली है? अधिकांश को समय पर भुगतान भी नहीं मिलता

-द प्रिंट, हर तरह के व्यवसाय में जोखिम उठाना शामिल होता है, लेकिन भारत में सिंचाई की कम उपलब्धता को देखते हुए खेती स्वाभाविक रूप से अधिक जोखिम भरा हो जाता है, क्योंकि यह इसे मौसमी परिस्थितियों में बदलाव, खास तौर पर बारिश जो या तो सूखे या फिर बाढ़ का कारण बनती है, के प्रति बहुत संवेदनशील बनाती है. 2015-16 में केवल 49 प्रतिशत कृषि भूमि ही सिंचाई के अधीन थी और...

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पारिवार‍िक हस्‍तक्षेप से कम हो सकता है हृदय रोग का खतरा

-इंडिया स्पेंड, जिन परिवारों में कई पीढ़ियों से हृदय संबंधी बीमारियां रही हों, उनमें पूरे परिवार को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने वाला एक कार्यक्रम, कम उम्र में होने वाली कोरोनरी हार्ट डिजीज (रुकी हुई धमनियों से जुड़ी बीमारी) के खतरे को कम कर सकता है। केरल में 750 परिवारों पर की गई स्टडी से यह बात पता चली है। अक्टूबर, 2021 में 'द लैंसेट' में प्रकाशित इस स्टडी की मानें, तो...

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जलवायु परिवर्तन है क्या, आसान शब्दों में समझें

-बीबीसी, मानवीय गतिविधियों और क्रिया-कलापों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है और इससे जलवायु में होता जा रहा परिवर्तन अब मानव जीवन के हर पहलू के लिए ख़तरा बन चुका है. अगर इस पर ग़ौर नहीं किया गया और इसे यूं ही छोड़ दिया गया तो आने वाले समय में तापमान इस क़दर बढ़ जाएगा कि मानव जीवन पर संकट आ सकता है, भयावह सूखा पड़ सकता है, समुद्री जल...

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