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भारतीय सेंटीमेंट्स और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाता ओडीओपी

-आउटलुक, भारत ने विकासक्रम में अपनी संस्कृति और अध्यात्म की वृहत परम्परा का विकास तो किया ही साथ ज्ञान, विज्ञान, कला तथा उद्यम की ऐसी शैलियों का निर्माण किया जो भारत की विशिष्ट पहचान बनीं। इन शैलियों का उद्भव देशज था लेकिन पहुंच राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय। इसी निर्मित हुयी अर्थव्यवस्था ने भारत में नगरीय क्रांतियों को संपन्न किया और गांवों को भी रिपब्लिक की हैसियत तक पहुंचाया। शायद यही वजह है...

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पीएम मोदी चीन-अमेरिका पर नेहरू और शास्त्री से क्या सीख सकते हैं?

-द क्विंट, भारत और अमेरिका गहरे दोस्त बन गए हैं. मैंने अपनी दो किताबों में इसे ‘इनएविटेबिलिटी ऑफ हिस्ट्री’ यानी इतिहास की अनिवार्यता कहा है. जाहिर सी बात है, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने काफी नाजुक दौर में भारत में कदम रखा है. उधर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं (संभव है कि ट्रंप चुनाव हार जाएं). इधर भारत गलवान घाटी में...

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बिहार चुनाव: महादलित, जिन पर नीतीश कुमार पर जानलेवा हमले का मुकदमा चल रहा है

-बीबीसी, "ढाई साल से अधिक वक़्त बीत गया. अब तो सब लोग भूल भी गए हैं. मगर हम लोगों को याद है कि हमारे टोले में प्रशासन ने कितना तांडव मचाया था. घर की बहू-बेटियों पर कितना अत्याचार हुआ था. उन्हें जबरन घर से उठाकर जेल में डाल दिया गया. वैसे लोगों पर मुकदमा किया गया जो मर चुके हैं और जो विदेश में रहते हैं. आरोप लगाया गया कि हमने...

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कम ही लोग जानते हैं कि चे गेवारा भारत आए थे और न के बराबर यह कि वे यहां क्या करने आए थे

-सत्याग्रह, वे छह महीने पहले क्यूबा में हुई सशस्त्र क्रांति के बड़े नायक थे. सरकार के गठन के बाद राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने उन्हें तीसरी दुनिया के देशों से संबंध कायम करने का जिम्मा सौंपा. क्यूबा की क्रांति के दूत बनकर चे ने कई देशों की यात्रा की. भारत सरकार से उन्हें खास बुलावा था, जिसने फिदेल कास्त्रो की सरकार को फौरन मान्यता दी थी. मिस्र होते हुए चे गेवारा भारत...

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देश के न्यायिक इतिहास में राम जेठमलानी को कैसे याद किया जाएगा?

-सत्याग्रह, बात 2009 की है. मोहम्मद अली जिन्ना पर लिखी गई एक किताब का विमोचन होना था. यह किताब भाजपा नेता जसवंत सिंह ने लिखी थी. देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां इस समारोह में उपस्थित थीं. प्रसिद्ध वकील राम जेठमलानी भी इनमें से एक थे. उन्होंने इस समारोह में कहा, ‘भारत-पाकिस्तान विभाजन का मुख्य कारण मोहम्मद अली जिन्ना नहीं बल्कि हरिचन्द्र नाम का एक कंजूस हिन्दू था.’ जेठमलानी के इस बयान...

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