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माल देशी, मालिकाना विदेशी --- अनिल रघुराज

इकलौते तथ्य से सत्य नहीं निकल सकता. लेकिन अनेक तथ्यों को साथ मिला कर सत्य की समग्र तसवीर बनायी जा सकती है. मसला है देश के व्यापक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का. यह मसला केंद्र या राज्य सरकारों के लिए ही नहीं, देश के हर अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष या बच्चे, बूढ़े व नौजवान के लिए बेहद अहम है. आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के इस मसले को सुलझाने के चार...

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समृद्धि की शर्त समाज सुधार-- आकार पटेल

संयुक्त राष्ट्र प्रति व्यक्ति वार्षिक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के हिसाब से देशों की एक सूची जारी करता है. इसमें भारत 150वें स्थान पर है. हमारी प्रति व्यक्ति सालाना जीडीपी 1,586 डॉलर है. इसका मतलब यह हुआ कि औसत भारतीय हर महीने 8,800 रुपये मूल्य का सामान और सेवाएं उत्पादित करता है. भारत से निचले स्तर पर खड़े देशों में यमन (1,418 डॉलर), पाकिस्तान (1,358 डॉलर), केन्या (1,358 डॉलर), बांग्लादेश...

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अच्छे देशों की सूची में अभी दूर है भारत की मंजिल

मानवता की बेहतरी में योगदान के लिहाज से जारी अच्छे देशों की ताजा सूची में भारत को 70वें स्थान पर रखा गया है. सूची में 163 देशों को शामिल किया गया है. ऐसे किसी वैश्विक इंडेक्स में हमारे देश की मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से निराशाजनक है. देशों की आंतरिक स्थिति के आधार पर पेश की जानेवाली अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्टों पर नजर डालें, तो निराशा और बढ़ जाती है. मानव...

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अपनी तबाही रचते शहर- अनिल पद्मनाभन

भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...

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मांस के कारोबार पर सवाल क्यों नहीं? - आलोक मेहता

हमारे एक पारिवारिक मित्र मूलत: गुजराती ब्राह्मण हैं। वे शुद्ध शाकाहारी हैं। जनेऊ पहनकर निष्ठा के साथ पूजा-पाठ करते हैं। भारत सरकार के निर्यात प्रोत्साहन संस्थान में वे वर्षों से एक महत्वपूर्ण पद पर काम करते रहे हैं। लेकिन मित्र-परिवार के साथ बैठकों में उनकी तरक्की, वेतन-भत्तों की बढ़ोतरी, निरंतर दुनियाभर के देशों की यात्राओं की मीठी बातों के साथ एक मुद्दे पर उन्हें चिढ़ाया जाता है - 'अरे, आपकी...

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