नई दिल्ली : किसी भी देश के विकास के लिए वहां की ऊर्जा का बहुत बड़ा हाथ होता है. आज भारतवर्ष के लिए ऊर्जा मुहैया करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है. भारत में घर ऐसे भी हैं जहां पर अभी भी लोग मोमबत्ती के सहारे अपना काम कर रहे हैं, कई गावों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है. इनमें से करीब 30 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके...
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महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
More »महंगे डीजल का सही निर्णय-डा भरत झुनझुनवाला
लगभग छह माह पूर्व यूपीए सरकार ने डीजल के दाम बढ़ाने का निर्णय लिया था. विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इसका विरोध किया था. उनके दो मुख्य तर्क थे. एक यह कि मूल्य वृद्घि से महंगाई बढ़ेगी. दूसरा यह कि गरीब पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. दोनों तर्क फेल हो गये हैं. महंगाई नियंत्रण में है और गरीब द्वारा हाहाकार का कोई संकेत नहीं है. डीजल की मूल्य वृद्घि से महंगाई न बढ़ने...
More »जनाक्रोश का अश्वमेधी घोड़ा- योगेंद्र यादव
जनसत्ता 7 जनवरी, 2012: जंतर मंतर से दूर दो छवियां मेरे मन में अटक गई हैं। पहली छवि मेरी कॉलोनी की लड़कियों और महिलाओं के छोटे-से प्रदर्शन की है। किसी के हाथ में मोमबत्ती है, किसी के हाथ में तख्ती। पल भर को हैरत हुई, क्योंकि इन महिलाओं को मैंने अब तक सात-सबेरे बच्चों को स्कूल-बस में चढ़ाते, जाड़े की धूप में स्वेटर बुनते या फिर दोपहर बाद के किसी भी...
More »मारंगपुरी के हर घर में बायोगैस से बन रहा भोजन
जगदलपुर. ईधन की लगातार कमी से जूझने वाले लाक मुख्यालय बड़ेराजपुर से करीब 15 किमी दूर मारंगपुरी के ग्रामीणों ने बायोगैस को वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में अपना लिया है। गांव के तकरीबन हर घर में बायोगैस के प्लांट बिना किसी रूकावट के पिछले एक दशक से लगातार चल रहे हैं। अब ग्रामीण इसकी तकनीक से भी वाकिफ हो चुके हैं। नहीं मिलती जलाऊ लकड़ी ओडिशा सीमा से लगे मारंगपुरी...
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