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शिक्षक यात्रा : मालिक से मजदूर तक-- मृदुला सिन्हा

अब भी हमारे समाज में वे लोग मौजूद हैं, जिनकी कमीज उठाइए, तो पीठ पर गुरुजी की छड़ी के निशान होंगे. किसी की उंगली टेढ़ी, तो किसी की आंख में भी कुछ खराबी. पूछने पर बिना दांत के जबड़े हिलाते वे बड़े फख्र से कहेंगे- 'मैंने पंद्रह से बीस तक पहाड़ा याद करके नहीं सुनाया था, गुरुजी ने अपनी छड़ी मेरी झुकी पीठ पर चलाते हुए सारा पहाड़ा सुन लिये. ...

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न्याय की प्रतीक्षा में आदिवासी!- सी आर मांझी

भारतीय संविधान के आधार पर आदिवासियों की पहचान को अनुसूचित जनजातियों के नाम से जाना जाता है. परंतु यह सर्वज्ञात है कि भारत की आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. यह समाज अपने स्तर से अपनी असली आदिवासी की पहचान एवं परिचय को संजोकर आदिम परंपरागत निष्ठा, निश्छलता, आदर्श एवं धार्मिक आस्था को बनाये रखा...

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अर्थशास्त्रियों-समाजशास्त्रियों ने नीति आयोग को कटघरे में खड़ा किया, PM मोदी से की सीइओ को हटाने की मांग

पटना : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा बिहार के कारण देश को पिछड़ा बताये जाने पर राज्य के अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. बिहार निवासी समाजशात्री-अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीति आयोग के सीईओ को तत्काल हटाये जाने की मांग की है. मालूम हो कि मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा था, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,...

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कैसे आया दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इतना बड़ा बदलाव?-- प्रीति प्रसाद

साल 2014 के जनवरी महीने की बात है. तब आह्वान ट्रस्ट ने उत्तर दिल्ली के पांच सर्वोदय विद्यालयों में काम करना शुरु किया. मकसद था प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को इस किस्म से मदद पहुंचाना कि वे स्कूल के बच्चों के लिए सबसे बेहतर मार्गदर्शक साबित हों. हम जिन जीवन-मूल्यों को भावी पीढ़ी में देखना चाहते हैं, उन मूल्यों का साकार रूप बनकर इन शिक्षकों को दिखाना था....

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होनहारों को उनका हक चाहिए-- शशि शेखर

कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई धांधली परत-दर-परत खुलती जा रही है। यही हाल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं में हुए गड़बड़झाले का है। इस तरह के पुराने मामले के अन्वेषण के अगुआ रहे एक अवकाश प्राप्त अधिकारी का मानना है कि यह ऐसी दलदल है, जिसमें जितना खोदो, उतना कीचड़ हाथ आएगा। देश के नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ का यह सिलसिला पुराना है। एक आपबीती बताता हूं-...

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