नई दिल्ली . सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) की सच्चई एक अध्ययन में सामने आ गई है। इससे पता चला है कि प्रायमरी में पढ़ने वाले देश के 94 फीसदी बच्चे अंग्रेजी को विदेशी भाषा मानते हैं। 11 राज्यों में हुए अध्ययन में पाया गया कि छह प्रतिशत बच्चे ही अंग्रेजी के अक्षरों को पहचान पाते हैं। चंडीगढ़, मध्यप्रदेश और असम के बच्चे तो इसमें भी फेल रहे। प्रायमरी शिक्षा को देशभर...
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सर्वशिक्षा से साइकिल उद्योग में नई जान
लुधियाना [नितिन धीमान]। साइकिल उद्योग की वृद्धि बरकरार रखने में विभिन्न राज्यों के सरकारी टेंडरों का बड़ा हाथ है। माना जाता है कि अगर राज्य सरकारों ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत विद्यार्थियों को साइकिल देने की स्कीम न निकाली होती तो काली यानी रोडस्टर साइकिलों की वृद्धि एक प्वाइंट पर आकर रूक जाती। सरकारी टेंडरों के कारण काली साइकिलों का बाजार हर वर्ष 12-15 फीसदी की दर से बढ़ रहा...
More »1177 गांव, एक दिन में सर्वे
सीकर. जिले के 1177 गांवों में चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे का काम एक दिन में ही कर दिया गया और दूसरे दिन सुबह-सुबह ही सर्वे रिपोर्ट भी शिक्षकों से ले ली गई। सर्वे ड्राप आउट और अनामांकित बच्चों की संख्या जानने के लिए किया गया था। भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि 19 मई को नोडल पर सर्वे करने वाले शिक्षकों की बैठक बुलाई गई और 20 मई को उन्हें हर हाल में सर्वे...
More »सचिवालय परिसर में बाल श्रम
पटना। बिहार में आर्थिक रूप से विपन्न बच्चों की हालत चिंताजनक है। वह सरकारी अफसरों, वकीलों एवं न्यायविदों के घरों में मजदूरी कर रह हैं। इतना ही नहीं सचिवालय, अदालतों एवं जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में भी बाल श्रमिक बहुतायत में हैं। इन्हें न्यूनतम मजदूरी का एक तिहाई भी नहीं मिल रहा है। बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2.5 करोड़ बालक एवं...
More »कैसे कहें, स्कूल चलें हम?
मुजफ्फरपुर [जाटी]। शिक्षा में सुधार संबंधी तमाम प्रयासों के बावजूद उत्तर बिहार ड्राप आउट की समस्या से जूझ रहा है। हजारों बच्चे अब भी स्कूल से बाहर हैं। हैरत की बात यह है कि जिम्मेदार अफसर इसे कबूल तो करते हैं, लेकिन उनके पास इससे निबटने की कोई प्लानिंग नहीं है। मुजफ्फरपुर में सिर्फ ड्राप आउट बच्चों की संख्या 32 हजार है। इस ग्राफ को कम करने के लिए कई...
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