-डाउन टू अर्थ, अगले 80 से भी कम वर्षों में गंभीर सूखे से पीड़ित लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। जिसके लिए जलवायु परिवर्तन और जनसंख्या में हो रही वृद्धि जिम्मेवार है। यह जानकारी मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए अध्ययन में सामने आई है। पता चला है कि जहां 1976 से 2005 के दौरान विश्व की करीब 3 फीसदी आबादी गंभीर सूखे का सामना कर रही थी, जो सदी के अंत...
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किसानों के जैसी चुनौती इतिहास में भाजपा को किसी ने नहीं दी है
-द वायर, गठजोड़ की कहानी दो हिस्सों में है. पहला हिस्सा काफी पहले लिखा जा चुका था जब अंडमान में कई सालों की कैद के बाद विनायक दामोदर सावरकर को रिहा कर दिया गया. कैद के पहले वे क्रांतिकारी हुआ करते थे. रिहाई के बाद वे ब्रिटिश हुकूमत के सहयोगी बन गए जैसा कि उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों से रहम की भीख मांगती हुई अपनी कई सारी अर्जियों में वादा किया था जो उन्होंने जेल से लिखी थी. जेल से...
More »प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का क्यों विरोध कर रहे हैं मछुआरे और किसान
-डाउन टू अर्थ, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से लगे पालघर जिले के समुद्री तट पर स्थित और पर्यावरण के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र वाढवण में बंदरगाह निर्माण को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं। उनका आरोप है कि इस परियोजना के अंतर्गत पर्यावरण को होने वाले नुकसान का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया गया। विरोध का दूसरा कारण यह है कि जैव विविधता और मछुआरों तथा किसानों की आजीविका की दृष्टि से यह पूरी...
More »जॉब कार्ड (JC) के लिए आवेदन करने वाले 45.6 लाख परिवारों को साल के आखिर तक जारी नहीं हुआ जॉब कार्ड
पीपल्स एक्शन फ़ॉर एम्प्लॉयमेंट गारंटी (PAEG) का नवीनतम ट्रैकर देश में MGNREGA के कार्यान्वयन की स्थिति पर केंद्रित है. ट्रैकर की मुख्य विशेषताएं: 1. इस साल 1.3 करोड़ जॉब कार्ड जारी किए गए. 2. 13 प्रतिशत की मांग पूरी नहीं हो सकी. वर्ष में किसी समय 97 लाख परिवारों की मांग पूरी नहीं की गईं. 3. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1 करोड़ से अधिक परिवारों ने नरेगा में काम किया है, लेकिन इस वर्ष प्रति परिवार...
More »प्रकृति और पर्यावरण के लिए क्या महत्व रखता है आदिवासियों का सरना धर्म
-न्यूजलॉन्ड्री, देश में लंबे समय से आदिवासी समाज अपनी अलग धार्मिक पहचान की मांग करता आया है. झारखंड इस मांग का केंद्र रहा है और हाल के दिनों में यहां इस मांग ने जोर भी पकड़ा है. यही वजह है कि झारखंड के गठन के बाद पहली बार राज्य सरकार आदिवासियों के लिए अलग से धर्मावलंबी यानी सरना आदिवासी धर्म कोड लाने के लिए तीन नवंबर 2020 को एक प्रस्ताव लेकर...
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