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आत्महत्या करनेवालों में किशोर और युवा सबसे आगे

टूट रही नयी पीढ़ी को सहारा देनेवाली डोर देश की नयी पीढ़ी में तनाव और अवसाद किस कदर बढ़ रहा है, इसका स्पष्ट संकेत लंदन की प्रतिष्ठित पत्रिका लांसेट में छपी ताजा रिपोर्ट से मिलता है. रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में किशोरों और युवाओं की मौत का अब सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है. हालांकि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े पहले ही बता चुके हैं कि भारत में आत्महत्या करनेवालों...

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'वह' बनाम 'यह' के बीच पिसते 'हम' - एनके सिंह

आजादी के बाद से शायद पहली बार देश में इतना जबरदस्त कंफ्यूजन है। तीन स्पष्ट खेमों में समाज बंट गया है। कुछ इस खेमे में हैं तो कुछ उस। सामूहिक सोच या तो राष्ट्रवाद की नई परिभाषा के साथ खड़ी है या देश को बहुमत के दुराग्रहों से निजात दिलाने वालों के साथ। एक लकीर खींच दी गई है यह कहते हुए कि रेखा के उस पार तुम्हारा और इस...

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भ्रष्टाचार की संस्कृति में रचे-बसे हम - एनके सिंह

हर साल की तरह इस साल भी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट आई। भ्रष्टाचार के वैश्विक पैमाने पर भारत अंकों के आधार पर वहीं खड़ा है। पिछले हफ्ते ऑक्सफेम सहित दुनिया की तीन आर्थिक विश्लेषण संस्थाओं ने बताया कि भारत में विगत 25 सालों में गरीब-अमीर की खाई खतरनाक रूप से बढ़ती जा रही है। गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर। हमने कानून बनाए। भ्रष्टाचार के मुद्दे...

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राजस्थान में 149 किशोर दुष्कर्म के आरोपी

जयपुर। एक तरफ देश भर में किशोर अपराधियों को लेकर बहस चल रही है, दूसरी तरफ राजस्थान में किशोर अपराधियों की संख्या चिंताजनक है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में 149 किशोरों को बलात्कार व दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनमें से 14 तो गैंगरेप के आरोपी हैं। इस तरह से राजस्थान का स्थान देशभर में चौथा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को...

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आधी-आबादी : इंसाफ का इंतजार-- अवनीश सिंह भदौरिया

दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार निर्भया के मामले में अपराधियों को कमोबेश सजा मिल भी गई, लेकिन इस तरह के तमाम मामलों में आज भी इंसाफ का इंतजार है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लड़कियों की सुरक्षा के जितने भी प्रबंध हैं, वे नाकाफी हैं। लड़कियों, महिलाओं और बच्चियों के लिए दिल्ली या दूसरे राज्य कितने सुरक्षित हैं, इसके जीते जागते उदाहरण प्रतिदिन अखबारों और टीवी चैनलों पर पढ़ने-देखने को...

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