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शहरों में सस्ते मजदूर बनाने वाले त्रुटिपूर्ण अर्थशास्त्र से इतर खेतीबाड़ी के पुनर्निर्माण और भविष्य के विकास का रास्ता

गांव सवेरा, 13 अगस्त देश को पेट भरने के लिए दूसरों की दयादृष्टि पर निर्भरता वाली हालत से उबारकर, अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारों वाली स्थिति में पहुंचाने के लिए भारतीय किसान द्वारा निभाई महत्वपूर्ण भूमिका से कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे चमकदार सितारा बनकर उभरा है। चाहे हम इस उपलब्धि को सार्वजनिक रूप में मानें या नहीं, लेकिन एक गतिशील कृषि ने देश में आर्थिक विकास की सुदृढ़ नींव रखी है। आज...

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बिना किसी ट्रेवल हिस्‍ट्री के दिल्‍ली में मिला मंकीपॉक्‍स वायरस का पहला केस

दिप्रिंट,24 जुलाई राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्‍स वायरस का पहला केस मिला है. पश्चिमी दिल्‍ली में रहने वाले 32 वर्षीय व्‍यक्ति को मंकीपॉक्‍स पॉजिटिव पाया गया है. 32 वर्षीय व्‍यक्ति की मंकीपॉक्‍स के मरीज की कोई ट्रेवल हिस्‍ट्री नहीं है. मंकीपॉक्‍स वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा था कि मैंने तय किया है कि वैश्विक मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया...

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सरकारी कमेटी के नाम पर किसानों की आंख में धूल झोंकने की कोशिश

वर्कर्स यूनिटी 20 जुलाई प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर को तीन काले कानून रद्द करते वक्त अपनी घोषणा में जिस कमेटी का वायदा किया था आखिर उसकी घोषणा हो गई है। 12 जुलाई को सरकार द्वारा बनाई गई इस समिति का नोटिफिकेशन आज सार्वजनिक हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुरू से ही इस कमेटी को लेकर अपने संदेह सार्वजनिक किए हैं: इस कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य कौन होंगे? कहीं इसमें सरकार...

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सात साल में कितना बदला देश में पहले हैबिटेट राइट्स वाला बैगाचक?

मोंगाबे हिंदी, 14 जुलाई  देश में पहली बार 2015 में मध्यप्रदेश के बैगाचक के सात गांवों में वन अधिकार क़ानून के अंतर्गत पर्यावास अधिकार यानी हैबिटेट राइट्स दिए गये थे। लेकिन इस इलाके के लोगों को अब भी इसका ठीक-ठीक मतलब नहीं पता है। जिन सात गांवों को हैबिटेट राइट्स दिए गए थे, आज तक उनका एक प्रामाणिक नक्शा तक नहीं बन पाया है। देश में हैबिटेट राइटस से संबंधित दिशा-निर्देश के लिए...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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