-न्यूजलॉन्ड्री, हाल ही में मुस्लिम महिलाओं की इंटरनेट पर बोली लगाई जा रही थी. चार जुलाई को गिटहब का उपयोग करके 'सुल्ली डील्स' नामक एक एप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गईं और उनकी बोली लगाई गई. इन महिलाओं में मुस्लिम छात्राएं, कार्यकर्ता, पत्रकार, आदि शामिल थीं. इस एप का एकमात्र उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करना था. मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संज्ञान लेते हुए...
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महंगाई और महामारी: करोड़ों के हाथ आई गरीबी
-आउटलुक, “कोविड-19 से हर तबका प्रभावित, कोई बिजनेस बेचने तो कोई मेड का काम करने को मजबूर, लेकिन अमीरों की अमीरी भी बढ़ी” अभी एक ही दशक हुआ जब भारतीयों ने अपने खर्च के तौर-तरीके और जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू किया था। वे बचत की परंपरागत सोच की जगह खर्च करने पर ज्यादा जोर दे रहे थे। भारतीयों की सोच में आए इस बदलाव पर पश्चिमी देशों का स्पष्ट प्रभाव...
More »झारखंड की पहली आदिवासी लड़की कैसे पहुंची कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में?
-गांव कनेक्शन, आदिवासी बाहुल झारखंड के खेल इतिहास में चंचला कुमारी पाहन ने अपना नाम ऐतिहासिक रूप से दर्ज करा लिया है। वह राज्य की पहली खिलाड़ी है जो कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जा रही है। गरीब आदिवासी परिवार की यह लड़की महज साढ़े 14 साल की है। रांची जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर हटवाल गांव में बीते 22 जून से लोगों के आने-जाने का तांता लगा...
More »कभी न भूलें: कोविड-19 से बचे एक पीड़ित की अपील
-न्यूजक्लिक, नोबेल पुरस्कार विजेता और होलोकॉस्ट(हिटलर के नरसंहार) में बच गये एली विज़ेल ने कहा था,'तटस्थता पीड़ित को नहीं,बल्कि उत्पीड़क को मदद पहुंचाती है। मौन उत्पीड़ित को नहीं,बल्कि ज़ुल्म करने वालों को ही हमेशा प्रोत्साहित करता है।' इसी रौशनी में कोविड-19 के प्रकोप से बच गयी तान्या अग्रवाल हाल के इतिहास में किसी सरकार की सबसे बुरी व्यवस्थागत नाकामियों और ज़िम्मेदारियों की अनदेखी को कभी नहीं भूलने के सिलसिले में लिखती हैं। तान्या...
More »IFPRI रिपोर्ट: सरकार को महामारी के दौरान पोषण सहायता, शिक्षा और नौकरियों के मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए!
अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 को किए गए देशव्यापी लॉकडाउन, जिसे लगभग दो महीने के लिए चरणों में बढ़ाया गया था, ने भारतीय आबादी के कमजोर वर्गों के भोजन और पोषण की स्थिति को प्रभावित किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-डे मील योजना जैसे कार्यक्रम से देश के प्राथमिक-विद्यालय आयु वर्ग के 80 प्रतिशत...
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