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आमदनी दुगनी के बजाए, आधी रह गई

कृषक जगत, 01 नवम्बर केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगना करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2022 को गुजरने में अब मात्र दो माह का समय शेष है। हालांकि सरकार ने इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु 2015-16 को आधार वर्ष माना है, जहां किसान की औसत वार्षिक आय रुपये 93216 आंकलित की गई थी। बेशक गत छ: वर्षों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पूर्व...

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भारत में होती हैं कीटनाशकों के जहर से होने वाली 60 फीसदी मौतें, पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा

डाउन टू अर्थ, 19 अक्टूबर बढ़ते मुनाफे के लिए कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग नित नए खतरों को जन्म दे रहा है। अनुमान है की खेतों में इस्तेमाल होता यह जहर हर साल 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले रहा है। इनमें से करीब 60 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। इतना ही नहीं यह कीटनाशक दुनिया भर में 38.5 करोड़ लोगों के बीमार पड़ने की भी वजह है। यह...

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अपर्याप्त क्लाइमेट फाइनेंस के बीच, परिभाषा पर जारी है विकासशील देशों का संघर्ष

कार्बनकॉपी, 15 अक्टूबर साल 2024 तक दुनिया को एक नया जलवायु वित्त लक्ष्य (क्लाइमेट फाइनेंस टार्गेट) निर्धारित करना है — यानि वह राशि जो विकसित देशों द्वारा गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए दी जानी है। भारत की मांग है कि इसे सालाना 1 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ाया जाए। यह दूर की कौड़ी है, क्योंकि विकसित देश पिछले दस वर्षों में 100 अरब डॉलर सालाना प्रदान करने में...

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लैंडफिल साइट का कचरा: एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर लगाया 900 करोड़ रुपए का जुर्माना

डाउन टू अर्थ, 13 अक्टूबर ठोस नगरीय कचरे का तय वैज्ञानिक मानकों के आधार पर नियमित उपचार न करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का सख्त रवैया कायम है। एनजीटी ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के बाद अब दिल्ली सरकार पर लीगेसी वेस्ट का निपटारा न करने के लिए 900 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने जुर्माने की यह राशि 300 रुपए...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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