नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। तूफान और ओलावृष्टि से हुई बर्बादी का अंदाजा मुश्किल हो रहा है। पश्चिम बंगाल में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 तक पहुंच गया है। जबकि बिहार से किसी अतिरिक्त जनहानि की खबर नहीं है। फसल और संपत्ति के नुकसान का आकलन चल रहा है। बिहार के प्रभावित इलाकों में 60 फीसदी तक फसल नष्ट हो गई है। कमोबेश पश्चिम बंगाल और असम में भी खेती की यही स्थिति है। तूफान...
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दिन के 6 घंटे खप जाते हैं पानी लाने में
सासाराम [ब्रजेश कुमार]। बिहार के रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था आसमान से तारे तोड़ने जैसी है। उग्रवाद प्रभावित इस क्षेत्र में महिलायें 5 से 15 किलोमीटर दूर पानी लाने जाती हैं। सुबह घर से निकली महिलाएं शाम को वापस लौट पातीं हैं। दशकों से जारी जल संकट के कारण लोगों की जीवन शैली बदल गई है। जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के आश्वासनों के बीच समस्या बरकरार है। उग्रवाद प्रभावित रोहतास...
More »पेयजल की किल्लत से जूझेंगे हरियाणा व पंजाब
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। हरियाणा व पंजाब के ग्रामीणों को इस गर्मी में पीने के पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। केंद्र से उन्हें दरकार तो थी अधिक से अधिक वित्तीय मदद की, लेकिन उन्हें मुट्ठीभर मदद से संतोष करना पड़ेगा। पंजाब में भूजल के लगातार नीचे खिसकने से जहां पहले से लगे नलकूप खराब हो गए हैं, वहीं हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में भूजल खारा होने से पीने लायक नहीं है। केंद्रीय...
More »धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
More »हलक ही नहीं, पेट पर भी आफत
मुजफ्फरपुर। अप्रैल की शुरुआती गर्मी ने मनुष्य व जानवरों के हलक ही नहीं पेट पर भी आफत ला दी है। पिछले साल आए सूखे के कारण इस साल जिले के ताल-तलैया सूख गए। सरैया प्रखंड की हालत तो यह है कि जलसंकट के कारण अब धोबी कपड़ा नहीं धो पा रहे और इनपर रोटी का संकट है। गंडक नहर भी पांच माह से सूखी है। दियारा क्षेत्र में वन्य प्राणी प्यास से तड़प रहे हैं।...
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